1975 के आपातकाल से ज्यादा खतरनाक हैं, इस वक़्त देश के हालात: शत्रुघ्न सिन्हा

वहीं दिल्ली में सत्ता संभाल रही आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के बागी नेताओं को ही डोरे डालना शुरू कर दिया है। जिसकी बानगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में देखने को मिली। यहां आम आदमी पार्टी की तरफ से बेनियाबाग मैदान में आयोजित की गई जन अधिकार रैली में बिहार में कई दिनों से बागी तेवर अपनाए बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने शिरकत की। वहीं पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा की सीधी मौजूदगी तो मंच पर नहीं हुई लेकिन उन्होंने फोन से अपना संबोधन करते हुए बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों को जमकर कोसा। इतना ही नहीं इस रैली में आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपनी ताकत दिखाते हुए अपना दल के कृष्णा पटेल गुट का समर्थन भी पाया और अपना दल की प्रदेश अध्यक्ष पल्लवी पटेल को मंच पर बुलाकर अपनी ताकत का एहसास कराने की कोशिश की। इसके अलावा इस रैली में कांग्रेस सीपीआई समेत कई पार्टी के नेताओं ने भी शिरकत की।

मोदी की नीतियों पर सीधा वार

लंबे वक्त से भारतीय जनता पार्टी से नाराज चल रहे भारतीय जनता पार्टी के बिहार पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आम आदमी पार्टी के मंच से पीएम मोदी और बीजेपी के खिलाफ बगावती तेवर में दिखे। उन्होंने आम आदमी पार्टी के मंच से न सिर्फ केजरीवाल और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की जमकर तारीफ की बल्कि बीजेपी और पीएम मोदी को जमकर कोसा। शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2 बड़े फैसले नोटबंदी और जीएसटी लागू करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि नोटबंदी का फैसला पब्लिक के लिए परेशानी का सबब बना था। ऊपर से जीएसटी लागू कर दिया गया यानी करेला ऊपर से नीम चढ़ा।

मैं इस रैली में बीजेपी की तरफ से हूं

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा की इस रैली में कई पार्टी से लोग आये हैं, जबकि मैं बीजेपी से हूं। हंसते हुए उन्होंने कहा कि जब तक पार्टी में हूं तब तक वफादारी निभा रहा हूं। कहा कि लोकतंत्र में विश्वास रखते हुए देश के विकास के मकसद से हम लोग यहां इकट्ठा हुए हैं। इसलिए बिहारी बाबू का प्रणाम, खैर मकदम स्वीकार कीजिये।

किसी व्यक्ति पर नहीं व्यवस्था पर टारगेट

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मैं किसी व्यक्ति विशेष पर नहीं सिस्टम को टारगेट करता हूं। शत्रुघ्न सिन्हा का मंच से भाषण चल ही रहा था कि मस्जिद में अजान शुरू हो गई, जिस पर शत्रुघ्न सिन्हा ने अपना भाषण ही रोक दिया और अजान खत्म होने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि सर्वधर्म और सर्वजाति समभाव का देश है, ये इसलिए जरूरी है कि हम अपने धर्म की ही तरह दूसरे के धर्म की इज्जत करें।

इमरजेंसी के बहाने सरकार पर निशाना

बीजेपी सांसद ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि हमारी सरकार होने के बावजूद किसान और दलित खुश नहीं हैं, मर रहे हैं, आत्महत्या कर रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि चुनाव आने वाला है, बहुत सारे नेता आएंगे, कुछ आपके खाते में कुछ पैसा डलवाने का वादा करेंगे तो कुछ बिना नदी नाले के पुलिया बनाने की घोषणा करेंगे। कोई जाति, तो कोई मजहब की दुहाई देगा, पर आपको सतर्क रहना होगा। आखिर कब तक जाति व मजहब के नाम पर बंटते रहोगे। अब नहीं चेते तो बहुत देर हो जाएगी। आपात काल की बरसी पर उन्होंने 1975 के आपात काल की तुलना करते हुए कहा कि तब जो हुआ वह घोषित था। फिर भी जनता ने इंदिरा सरकार को उखाड़ फेंका। इसी बनारस के लाल राजनारायण ने अति शक्तिशाली इंदिरा गांधी को परास्त कर लोकतंत्र और संविधान की ताकत बता दी, लेकिन अब जो आपातकाल है वह बेहद खतरनाक है। इससे बचना कहीं ज्यादा जरूरी है। उसके लिए कमर कसनी होगी। उन्होंने सत्ता के साथ व्यवस्था परिवर्तन की बात कही। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मां गंगा की दुहाई देने वाले के राज में गंगा रूठ गईं, गंगा छिप गई हैं।

पीएम संग मंत्रियों पर कसा तंज

शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी पार्टी के मंत्री और पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि एक वकील वकालत करते करते वित्त मंत्री बन सकता। एक टीवी एक्ट्रेस टीवी से निकलकर एचआरडी मिनिस्टर बन सकती है और तथाकथित चाय बेचने वाला पीएम बन सकता है तो शत्रुघ्न सिन्हा किससे अनुभव में कम है। वह नोटबन्दी और जीएसटी पर क्यों नहीं बोल सकता। उन्होंने कहा कि पार्टी के लोग कहते हैं कि मैं पार्टी के विरोध में बोलता हूं इसलिए कि मुझे मंत्री नहीं बनाया गया, लेकिन मैं कहता हूं कि मैं तो अटल जी की सरकार में मंत्री था, मेरा रिकॉर्ड क्या खराब था, कि जैसे तैसों को मंत्री बना दिया गया मुझे नहीं। मुझ पर किसी तरह का कोई आरोप नहीं, न व्यक्तिगत, न पारिवारिक, न सामाजिक, न राजनैतिक।

नोटबंदी, जीएसटी पर उठाए सवाल

शत्रुघ्न सिन्हा ने जीएसटी और नोटबन्दी पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोग जब बिहार में पूछते थे कि जीएसटी का क्या मतलब होई तब मैं उनको बताया कि जीएसटी का मतलब गईल सरकार तोहार। नोटबंदी के बाद जीएसटी थोप दिया गया और आज तक मुझे जीएसटी समझ नहीं आई तो आम आदमी की क्या समझ आएगी। इस नोटबंदी ने देश के गरीबों, मजदूरों, किसानों, युवाओं और घरवालियों को तबाह कर दिया। जाने कितनों की मौत हो गई। क्या किसी ने उनसे पूछा, जाने कितनों की रोजी रोटी चली गई। अब पता चल रहा है कि नोटबंदी के क्या नुकसान थे। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी के दौरान 150 लोगों की मौत हुई लेकिन उनके बारे में किसी ने जिक्र भी नहीं किया।

दिल्ली के सीएम की तारीफ

शत्रुघ्न सिन्हा ने आम आदमी पार्टी के मंच से नरेंद्र मोदी को जहां जमकर कोसा, वहीं दिल्ली के सीएम की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि देश मे सबसे स्वच्छ छवि का कोई नेता है तो वो अरविंद केजरीवाल है, इसमें कोई शक नहीं। साथ ही उन्होंने कहा कि  इस सरकार ने देश की सभी संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने चुनाव आयोग का उदाहरण दिया और कहा कि क्या वजह थी कि हिमांचल प्रदेश और गुजरात में एक साथ चुनाव नहीं कराए गए। बिना बाढ़ के बाढ़ राहत काम चल रहा था, क्या उस वक़्त गुजरात में चीजें सुधारने का मौका दिया गया।

ईवीएम पर उठाए सवाल

शत्रुघ्न सिन्हा ने चुटकी लेते हुए कहा कि मैं ईवीएम का नाम नहीं लेता, पर चुनाव से पहले यह कहा जा रहा था कि गुजरात के सूरत की सभी सीटें चली जाएंगी। जीएसटी से सबसे ज्यादा बर्बाद हुए हैं कपड़ा व्यवसायी, परिणाम आया तो सूरत की बदौलत ही सरकार बन गई 6 में से 15 सीट जीत गई। यह मेरी समझ में नहीं आता।  उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही का वक्त भी घटा दिया गया था, पूछा जा रहा था, तो कहा जा रहा था, चुनाव चल रहा है, हमारे नेता व्यस्त हैं, अरे कोई चाचा जी की बारात है क्या भाई जो नेता व्यस्त चल रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने अपना भाषण खत्म करने से पहले कहा कि चलिए हम सबके कदम से कदम मिलाकर उनका साथ देते हैं।

फोन पर दहाड़े यशवंत सिन्हा

आप की इस रैली में बीजेपी सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा को भी आना था, लेकिन वो सेहत खराब होने के कारण नहीं आ सके, लेकिन उन्होंने फोन पर अपना संबोधन दिया। यशवंत सिन्हा ने 1975 में जो आपातकाल लागू हुआ था वह तो बता कर लागू किया गया था, बाकायदा उसकी घोषणा हुई थी, लेकिन इस वक्त जो आपातकाल चल रहा है, वह अघोषित उसकी कोई घोषणा नहीं हुई।
यशवंत सिन्हा ने कहा कि यह अघोषित आपातकाल स्लो प्वाइजन की तरह है। यह देश को उसी तरह नष्ट कर देगा जैसे स्लो प्वाइजन इंसान के जीवन को बर्बाद करता है। उन्होंने देश की संवैधानिक संस्थाओं पर सरकारी कब्जे की बात कही साथ ही कहा कि अब तो रिटायर जज भी न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा न हो इसके लिए संसद की कार्यवाही का वक़्त कम कर दिया जाता है। चुनाव आयोग का हाल सबके सामने कि किस तरह से आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद कर दी थी, आज आम पब्लिक और नौकरशाही डरी है। सीबीआई, आयकर विभाग सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने अहमदाबाद बैंक में जमा पुराने नोटों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह वही बैंक है, जिसके निदेशक भाजपा के अध्यक्ष  हैं, लेकिन उसकी जांच क्यों नहीं होती। सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। यशवंत सिन्हा ने कहा कि इसलिए जरूरी है कि जो लोग इस वक्त डरे नहीं हैं, वह आगे आए सड़कों पर उतरे और इस आंदोलन से जुड़े क्योंकि अगर अभी नहीं चेते तो कभी नहीं जीत पाएंगे।

अपना दल का भी मिला समर्थन
वहीं अपना दल कृष्णा पटेल गुट की प्रदेश अध्य्क्ष और बीजेपी की केंद्र सरकार में सहयोगी अपना दल की अध्य्क्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी इस रैली में पहुंची और मां के कहने पर आप की रैली के मंच से इस आंदोलन में समर्थन की घोषणा की।