1984 कानपुर सिख दंगे मामले में योगी सरकार ने जांच के लिए SIT गठित किया

उत्तर प्रदेश सरकार ने 1984 में कानपुर में हुए सिख दंगों की जांच के लिए एसआईटी गठित की है. यूपी के पूर्व डीजीपी अतुल की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई है. जो कि छह महीने में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी. दंगों की जांच के लिए चार सदस्यों की एसआईटी गठित की गई है. गौरतलब है कि 1984 में कानपुर में हुए सिख दंगों में करीब 125 लोग मारे गए थे.

एसआईटी की चार सदस्यों की टीम में पूर्व डीजीपी अतुल समेत रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट जज सुभाष चंद्र अग्रवाल और रिटायर्ड एडिशनल डायरेक्टर (प्रोसेक्यूशन) योगेश्वर कृष्ण श्रिवास्तव भी शामिल हैं. आपको बता दें कि कानपुर में हुए सिख दंगों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने को लेकर एक याचिका दायर की गई थी. जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त, 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया था.

आपको बताते चलें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 1984 के दंगों से संबंधित एक मामले में 17 दिसंबर, 2018 को 73 वर्षीय पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद और पांच अन्य दोषियों को अलग-अलग अवधि की सजा सुनाई थी. सज्जन ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से भी उसे कोई राहत नहीं मिली है.

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि 1984 के दंगों में दिल्ली में 2700 से अधिक सिख मारे गए थे जो निश्चित ही ‘अकल्पनीय पैमाने का नरसंहार’ था. कोर्ट ने कहा था कि यह मानवता के खिलाफ उन लोगों द्वारा किया गया अपराध था जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था और जिनकी कानून लागू करने वाली एजेंसियां मदद कर रही थीं.

गौरतलब है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को उनकी सुरक्षा में तैनात दो सिख अंगरक्षकों द्वारा गोली मार हत्या करने की घटना के बाद दिल्ली और देश भर में अलग-अलग जगहों पर सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे. दंगों में हजारों लोग मारे गए थे.