नई दिल्ली: दिल्ली की अदालत ने आज सी बी आई को इन इल्ज़ामात पर जवाब देने की हिदायत दी कि कांग्रेस लीडर जगदीश टाइटलर ने 1984 के मुख़ालिफ़ सिख फ़सादात केस में एक गवाह पर असरअंदाज़ होने की कोशिश की, जिस में इस तहक़ीक़ाती एजेन्सी ने मामले को बंद करदेने की रिपोर्ट दाख़िल की है।
ऐडीशनल चीफ़ मेट्रोपोलैटिन मजिस्ट्रेट एस पी एस ललीर ने सी बी आई का जवाब इस बयान के बारे में तलब किया है जो इस फ़साद केस में उसकी मज़ीद तहक़ीक़ात के दौरान मुक़य्यद बिज़्नेस्मैन अभीशक वर्मा का है जिसे एजेन्सी ने कलमबंद किया है।
अदालत ने जो टाइटलर के ख़िलाफ़ इस केस में सी बी आई की मामलाबंद करदेने से मुताल्लिक़ दाख़िल करदा रिपोर्ट पर दलायल की समात कररही थी, अब इस मामले को 26 जून पर डाल दिया है।
समात के दौरान सीनियर ऐडवोकेट एच एस फूल्का ने फ़सादात के मुतास्सिरीन की पैरवी करते हुए अदालत को वाक़िफ़ कराया कि ने अपने बयान में सी बी आई को बताया था कि टाइटलर ने मुबय्यना तौर पर एक मामलत सुरेंद्र कुमार गर् अनुठी के साथ तए करली, जो इस केस में अहम गवाह था और जिस ने कांग्रेस लीडर के ख़िलाफ़ हलफ़िया बयान दिया था।