1992-ए-के वर्ल्ड कप क्रिकेट टूर्नामेंट में पाकिस्तान की तारीख़ी कामयाबी के 4 साल बाद भी साबिक़ इंग्लिश कप्तान एन बोथम आज भी वर्ल्ड कप ना जीतने पर मायूस हैं।
ये हार आज भी साबिक़ ऑलराउंडर केलिए नाक़ाबिल फ़रामोश है। उनकी राय में वसीम अकरम ऐसा खिलाड़ी था जो हमारी जीत की राह में रुकावट बन गया तक़रीबन 25 साल पहले हुई हार के हवाले से आई सी सी को दिए गए एक इंटरव्यू में माज़ी के अज़ीम ऑल राउंडर बोथम ने कहा कि आज भी मेरे जेहन में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 22 रंस की हार मौजूद है।
हमें वो टूर्नामेंट जीतना चाहिए था। हम फाईनल से मुकम्मल लुत्फ़ अंदोज़ हुए लेकिन एम्पायरिंग के चंद फ़ैसले भी हमारे ख़िलाफ़ गए। बोथम ने कहा कि इंग्लिश टीम का फाईनल में पहुंचना यादगार लम्हा था खासतौर पर सिडनी में, मैंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ चार विकटें लेकर उन्हें टूर्नामेंट से बाहर किया था।
तमाशाई चाहते थे कि मैलबोर्न का फाईनल यकतरफ़ा ना हो मुझे जिस खिलाड़ी ने सब से ज़्यादा मुतास्सिर क्या वो वसीम अकरम थे। उस टूर्नामेंट में वसीम अकरम की सलाहियतों से पता चला कि वो ख़ुसूसी सलाहियतों के हामिल क्रिकेटर हैं और 1992-ए-के वर्ल्ड कप में वसीम अकरम की बौलिंग ने हमें कामयाबी से दूर कर दिया।