2 जनवरी 2012 से दक्कन रेडीयो पर….. और नील बहता रहा

पुरासरार सरज़मीन फ़राइना मिस्र की फ़तह की वलवला अंगेज़ दास्तान मुस्लमान जब तक तौहीद सर ईमान के जज़बा से सरशार थे। इन की फ़ुतूहात के पर्चमबहर-ओ-बर पर लहराने लगे थे जैसा कि अल्लामा इक़बाल ने कहा था

दश्त तो दश्त हैं दरिया भी ना छोड़े हम ने  –बहर ज़ुलमात में दौड़ा दिए घोड़े हम ने—-

और नील बहता रहा उसे ही दो सरफरोश सहाबी अमरो बिन आस और ख़ालिद बिन वलीदकी फ़तह मिस्र की तारीख़ है, जिस ने मुट्ठी भर बे सर-ओ-सामान तौहीद के अलंबरदारों के साथ फ़राइना मिस्र की पुरासरार सरज़मीन पर अपनी फ़तह के झंडे गाड़ दिए थे।

इसवलवला अंगेज़ दास्तान का दक्कन रेडीयो 107.8 MHZ पर 2 जनवरी से आग़ाज़ होरहा है।रोज़ाना शाम 5 बजकर 05 मिनट पर सुनना ना भूलिए।