पुरासरार सरज़मीन फ़राइना मिस्र की फ़तह की वलवला अंगेज़ दास्तान मुस्लमान जब तक तौहीद सर ईमान के जज़बा से सरशार थे। इन की फ़ुतूहात के पर्चमबहर-ओ-बर पर लहराने लगे थे जैसा कि अल्लामा इक़बाल ने कहा था
दश्त तो दश्त हैं दरिया भी ना छोड़े हम ने –बहर ज़ुलमात में दौड़ा दिए घोड़े हम ने—-
और नील बहता रहा उसे ही दो सरफरोश सहाबी अमरो बिन आस और ख़ालिद बिन वलीदकी फ़तह मिस्र की तारीख़ है, जिस ने मुट्ठी भर बे सर-ओ-सामान तौहीद के अलंबरदारों के साथ फ़राइना मिस्र की पुरासरार सरज़मीन पर अपनी फ़तह के झंडे गाड़ दिए थे।
इसवलवला अंगेज़ दास्तान का दक्कन रेडीयो 107.8 MHZ पर 2 जनवरी से आग़ाज़ होरहा है।रोज़ाना शाम 5 बजकर 05 मिनट पर सुनना ना भूलिए।