नई दिल्ली: पेट्रोल की क़ीमत में कभी 2 रुपये कम तो 1 रुपया ज़्यादा होता है यही सिलसिला चलता रहेगा। पेट्रोलीयम के सारिफ़ीन को गुज़िशता दो हफ़्तों के दौरान पेट्रोल और डीज़ल की शरहों में मामूली इज़ाफ़ा और कमी का सामना करना पड़ सकता है। ख़ाम तेल की शरहों में गुज़िशता 26 अगस्त से 24 फ़ीसद का इज़ाफ़ा हुआ।
गुज़िशता 6 साल के दौरान इस में 42 डालर की ज़बरदस्त गिरावट आई है और आलमी तेल क़ीमतों में पीर के दिन उछाल आया। ओपीक ने कहा कि वो दीगर तेल पैदा करने वाली कंपनीयों के साथ तआवुन करने तैयार है ताकि तेल की क़ीमतों में यकसानियत लाई जा सके। मंगल के दिन अमरीका में तेल की क़ीमतों में कमी के बाद इस मज़ीद 3 फ़ीसद कमी की गई।
मज़ीद 3 फ़ीसद यानी 52 डालर कमी भी महसूस की गई। सरकारी डाटा में बताया गया है कि चीन में गुज़िशता 3 साल के दौरान तेज़ी आई है। हिन्दुस्तानी पेट्रोलीयम रीटेलर्स ने एक माह के दौरान दो मर्तबा क़ीमतों पर नज़रेसानी की और मुक़ामी क़ीमतों को आलमी रुजहान के तहत रखने की कोशिश की।
सितंबर के दरमियान दुबारा जायज़ा लिया जाएगा और क़ीमतों पर नज़रेसानी की जा सकती है। आलमी सतह पर पेट्रोलीयम की क़ीमतों में इज़ाफे का असर हिन्दुस्तान के रीटेलर्स पर मुरत्तिब होता है। अगर आलमी सतह पर पेट्रोल की क़ीमतें कम होती हैं तो हिन्दुस्तान में भी इस साल सारिफ़ीन को कम शरह पर पेट्रोल सरबराह किया गया।