मोदी सरकार फ़ेल: कहा था 18,452 गांवों को बिजली से जोड़ेंगे, लेकिन दिया सिर्फ़ 8 फ़ीसदी

मोदी सरकार ने साल 2015 में 18,452 गांवों में बिजली पहुंचाने का टारगेट रखा था लेकिन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इनमें से अभी तक सिर्फ आठ प्रतिशत लोगों के घरों में ही बिजली पहुँची है।

बिजली मंत्रालय के ग्रामीण विद्युतीकरण (जीएआरवी) डैशबोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, 25 मई तक 13,523 गांवों का विद्युतीकरण किया गया है, लेकिन सिर्फ 1,089 गांवों में ही 100 फीसदी घरेलू कनेक्टिविटी पहुंची है।

इसके अलावा, देश के 25 प्रतिशत (45 मिलियन) ग्रामीण परिवारों के घर में अभी भी बिजली नहीं है। उत्तर प्रदेश, नागालैंड, झारखंड और बिहार में 50 प्रतिशत से कम ग्रामीण परिवारों के पास बिजली है जबकि सभी को बिजली देने का वादा भाजपा ने किया था।

दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत, मुफ्त बिजली कनेक्शन के साथ 43.5 मिलियन गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को उपलब्ध कराये जाने के लिए 23.5 मिलियन (59 प्रतिशत) को कवर किया गया है और कई दूरदराज के स्थानों को ग्रिड स्रोतों से जोड़ा गया है।

अक्टूबर 1997 से बिजली मंत्रालय द्वारा उपयोग किए जाने वाले मापदंडों के अनुसार विद्यालयों, पंचायत कार्यालयों, स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक केंद्रों, कम से कम 10 प्रतिशत घरों में बिजली उपलब्ध कराई जाने पर एक गांव विद्युतीकृत माना जाता है, भले ही उसके 90 प्रतिशत घरों में बिजली न हो।

बिजलीघरों को बिजली देने के लिए दो चुनौतियां हैं। पहली यह कि कई गरीब परिवार कनेक्शन की अग्रिम लागत का भुगतान नहीं कर सकते जो 2,000 से 3,000 रुपये है।

भाजपा ने 2014 के आम चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में उचित विकास सुनिश्चित करने का वादा किया गया। पिछली कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 2005-06 और 2013-14 के बीच 108,280 गांवों को ग्रिड से जोड़ा था। 2014 से 2017 तक बीजेपी के ग्रामीण विद्युतीकरण अभियान के अंतर्गत 14,528 गांवों को विद्युतीकरण किया गया है।

बीजेपी के तीसरे वर्ष में 2016-17 में 6,015 गांवों को विद्युतीकरण किया गया, जो 2013-14 की तुलना में पांच गुना ज्यादा है।

अधिकांश ग्रिड परियोजनाएं अरुणाचल प्रदेश (98), असम (357), झारखंड (356) और छत्तीसगढ़ (306) जैसे राज्यों में केंद्रित हैं। मोदी सरकार के वादे के अनुसार सभी गांवों को मई 2018 तक विद्युतीकरण किया जा सकता है। हालांकि यह देखना बाकी है कि वास्तव में बिजली आपूर्ति कितने घरों में पहुंचती।