काफी दीनों से जेरे इंतज़ार सहाफ़ि इंसुरेंस मंसूबा सूबे में 20 फरवरी से लागू हो जाएगा। रियासती हुकूमत ने सभी अहल दरख्वास्त देहिंदों से 20 फरवरी तक मुकम्मिल दरख्वास्त जमा कर देने की दरख्वास्त की है ताकि इंसुरेंस कार्ड जारी करने का अमल शुरू किया जा सके। बिहार रियासती सहाफ़ि इंसुरेंस मंसूबे की खासियत है के इस मंसूबे से मुस्तफ़ीदीन को हादिसाती फाइदा के साथ इंसुरेंस पॉलिसी का फाइदा भी मिलेगा। इत्तिलाअत व तालुकात महकमा के सेक्रेटरी सूचना भवन में मुनक्कीद प्रेस कोन्फ्रेंस में कहा के 20 तारीख से ये मंसूबा नाफ़िज़ हो जाएगा लिहाजा सभी उम्मीदवार को अपनी दरख्वास्त 20 तारीख तक मुतल्लिका दफ्तरों में जमा कर देनी चाहिए।
उन्होने कहा के बिहार रियासती सहाफ़ि इंसुरेंस मंसूबे का दीगर रियासतों में लागू मंसूबे से यूनिक फीचर है। उन्होने कहा के बतौर प्रीमियम रियासती हुकूमत अपनी तरफ से 7176 रुपए देगी जबकि सहाफ़ि को अपनी जेब से सालाना 1794 रुपए खर्च करने होंगे। यानिकि फाइदा उठाने वाले सहाफ़ि 20 फीसद और रियासती हुकूमत 80 फीसद पीरियम देगी। डीपीआरओ के पास दरख्वास्त जमा करने की सहूलत दी गयी है।
इंसुरेंस करें वाली कंपनी के नुमाइंदे आरआर कुमार ने बताया के इस मंसूबे के तहत सभी बीमा याफ़्तागान को कबल से मालूम, नमालूम बीमारियाँ कवर होगी। उन्होने एक सवाल के जवाब में कहा के क़ैसर का इलाज़ इस मंसूबे के तहत नहीं हो सकेगा। साथ ही बांझपन, नमर्दी, एड्स वगैरह के इलाज़ का निज़ाम नहीं है। मंसूबे के अहम फीचर में ग्रुप मेडी क्लैम और साथ ही हदिसा बीमा, ग्रुप मेडी क्लैम के तहत शौहर बीवी के साथ दो बच्चे बीमा में शामिल हैं। बीमा ले लिए उम्र 21 से 70 साल, अहलियत मैट्रिकुलेशन या मसावी और पाँच साल के सहाफ़त का तजुरबा काफी है।