राम मड़इया बस्ती की करीब दो सौ ख़वातीन को हवश का शिकार बना कर दहशत कायम करने के इल्ज़ाम में कुख्यात मुजरिम रतन लोहार को सरायकेला के एडीजे वन गिरीशचंद्र सिन्हा ने दस साल की सजा के साथ 50 हजार रुपए नकद जुर्माना का फैसला सुनाया है। बुध को सजा सुनाने के बाद रतन लोहार को जेल भेज दिया गया। जेल जाते वक़्त रतन ने बस्तीवासियों को पुलिस के सामने ही धमकी दी कि दरख्वास्त बेल में वह बाहर आकर बस्ती में लाशों का ढेर लगा देगा। इस धमकी के बाद बस्ती के लोग दहशत में हैं। गुरुवार को सैकड़ों मर्द-औरत ने बैठक कर यह फैसला लिया कि वे अब ऊपरी अदालत में निचली अदालत के फैसले को चैलेंज देंगे। ऐसे कुख्यात मुजरिम को कम से कम ज़िंदगी भर या फांसी की सजा देने की मांग करेंगे।
सजा सुनने के बाद ही दी धमकी
बस्तीवासियों के साथ मिलकर रतन लोहार के खिलाफ लड़ रहे उसके बहनोई राजेंद्र कर्मकार ने बताया कि बुध की शाम जैसे ही एडीजे वन गिरीशचंद्र सिन्हा ने सजा सुनाई, रतन लोहार अदालत से बाहर आते उसे खुले तौर पर धमकी दी कि अपील बेल में बाहर आ रहा हूं, बस्ती में लाशों की ढेर लगा दूंगा। मालूम हो कि राजेंद्र कर्मकार ने रतन को सजा दिलाने के लिए सारे गवाहों को महफूज अदालत लाकर गवाही कराने की जिम्मेवारी संभाली थी।