गुजरात हाइकोर्ट ने आज 27 मुजरिमीन की अपीलों को समाअत ( सुनवायी) के लिए कुबूल कर लिया जिन्हें गोधरा में ट्रेन आतिशज़नी के बाद ओडे गांव में 2002 में फ़सादाद के दो मुक़द्दमात में ख़ुसूसी अदालतों ने सज़ाए उम्र क़ैद सुनाई है । नामज़द जज पूनम सिंह ने 17अप्रैल को 18 अफ़राद को सज़ा ए उम्र कैद और 5 दीगर ( अन्य) को सात साल जेल की सज़ा सुनाई थी ।
उन्होंने ज़िला आनंद के ओडे में वाक़्य ( स्थित/ मौजूद) परवाली भागोल इलाक़ा में 23अफ़राद को ज़िंदा जला दिया था । अदालत ने 23दीगर को म मंसूबा इल्ज़ामात से बरी कर दिया । एक और नामज़द जज आर एम सरीन ने 6 मई को ओडे के मालो भागोली इलाक़ा में फ़सादाद के दौरान तीन अफ़राद के क़तल पर 9 मुल्ज़िमीन को सज़ा ए उम्र क़ैद सुनाई थी ।
इस मुक़द्दमा में भी 30अफ़राद को बरी कर दिया गया था । ये दोनों फ़सादाद यक्म मार्च 2002 को गोधरा स्टेशन के क़रीब साबरमती एक्सप्रेस आतिशज़नी वाक़िया के बाद रौनुमा हुए । तमाम मुजरिमीन (आरोपीयों) ने इन फ़ैसलों को चैलेंज किया है ।