इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बड़ी राहत देते हुए 2007 में गोरखपुर दंगे को लेकर दाखिल हुई याचिका को खारिज कर दिया. राशिद खान की तरफ से दाखिल याचिका में योगी पर मजार में तोड़फोड़ के लिए भड़काने का आरोप लगाते हुए मुकदमा चलाने की मांग की गई थी. बता दें कि 22 दिसम्बर को जस्टिस वी के नारायण की एकलपीठ ने राशिद खान और अन्य की याचिका पर बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था.
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह ने याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पुलिस की चार्जशीट दाखिल होने के बाद शिकायतकर्ता का कोई अधिकार नहीं है.
गौरतलब है कि वर्ष 2007 में गोरखपुर में दंगे के दौरान उनके भड़काने पर मजार में तोड़फोड़ करने के आरोप में एसीजेएम ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. इस आदेश को अपर सत्र न्यायाधीश ने रद्द कर दिया था. जिसे याचिका में चुनौती दी गई थी.
इससे पहले गोरखपुर दंगे के मामले में सीएम योगी समेत कई अन्य के खिलाफ दंगा भड़काने के मामले में दर्ज मुकदमे में राज्य सरकार की ओर से मुकदमा चलाये जाने की अनुमति न देने को चुनौती देने वाली याचिका पर भी कोर्ट फैसला सुरक्षित कर चुकी है.