2011 में अमेरीका के 12 झूट

वाशिंगटन, २० दिसम्बर: (एजैंसीज़) साल 2011 -ए-क़रीब-उल-ख़तम है और अमरीका के ऐवार्ड याफ़ता एक मैगज़ीन ने इस मौक़ा पर वाशिंगटन के 12 मुंख़बा और अहम तरीन दावओं को बेनकाब किया है जो दरहक़ीक़त साल भर में अमेरीका का झूट का पुलंदा हैं।

ख़ारिजा पालिसी के वेबसाइट पर डेविड जे रोकूफ़ ने अमरीकी झूट को तीन ज़मरों में तक़सीम किया है और उन में से उन्होंने 12 झूट की खासतौर पर निशानदेही की जो इस तरह हैं:

1) इराक़ में 9 साल बाद जंग का बिलआख़िर इख़तताम।

*)रो कूफ़ ने ये बात नोट की है कि अमरीकी फ़ौज इराक़ में 1990-ए-के अवाइल से मौजूद है और ये सिर्फ एक क़िस्त मुकम्मल होने के मुतरादिफ़ है क्यों कि इस इलाक़ा में अमेरीकी पालिसी के मुताबिक़ फ़ौज की दसतबरदारी मुम्किन नज़र नहीं आती।

2) इराक़ में अमेरीकी मिशन कामयाब रहा।

* )इस वक़्त इराक़ कई हिस्सों में तक़सीम, बदउनवानीयों से दो-चार है और अमरीकी मुदाख़िलत की वजह से एक टरीलीन के मसारिफ़ आइद हुई। हज़ारों अमरीकी ज़िंदगीयों का इत्तिलाफ़ हुआ और लाखों इराक़ी अपनी जान गंवा बैठी। इस के बावजूद अमरीका का ये दावे हैरतअंगेज़ है कि जंग कामयाब रही।

3 ) अफ़्ग़ानिस्तान में अमेरीका को कामयाबी मिल रही है।

*)रो कूफ़ ने उसे भी अमेरीका का एक और बेबाकाना झूट क़रार दिया। उन्हों ने अमरीकी सैक्रेटरी आफ़ डीफ़ैंस लीवन पनेटा के तबसरे को बिलकुल्लिया ग़लत क़रार दिया। उन्हों ने कहा कि इस दावे के बरअक्स इलाक़ा में इंतहापसंद ज़्यादा ताक़तवर हुए हैं और न्यूक्लीयर सलाहीयत का हामिल पाकिस्तान के इस्तिहकाम को ख़तरा लाहक़ हो चुका है।

4) पाकिस्तान अमरीका का हलीफ़ है और अफ़्ग़ानिस्तान अमरीका का पार्टनर है।

* )पाकिस्तान और अफ़्ग़ानिस्तान के ताल्लुक़ से अमरीका इस तरह की सर अहित नहीं करसकता। ये वाज़िह है कि ईस्लामाबाद का रवैय्या वाशिंगटन के ताल्लुक़ से किस तरह का है और काबुल में अमरीका को किन हालात का सामना करना पड़ रहा है।

5) । अमरीका को चीन की तरक़्क़ी से ख़तरा नहीं।

*) अमरीकी सैक्रेटरी आफ़ स्टेट हीलेरी क्लिन्टन ने ये दावे किया है और रो कूफ़ के मुताबिक़ शायद ऐसा ही हो। लेकिन हक़ीक़त ये नहीं है।

6) रिपब्लिकनस की वजह से मुश्किल और डेमोक्रेट की वजह से मुश्किल।

* )रो कूफ़ ने उसे अमरीकी सियासत का सब से बड़ा झूट क़रार दिया। उन्हों ने कहा कि अमरीकी सियासत के लिए मसला पार्टीयों से नहीं बल्कि दौलत की वजह से दरपेश है। यहां का सिस्टम इस क़दर आलूदा हो चुका है कि उसे तबदील करने की सख़्त ज़रूरत महसूस हो रही है।

7) कई मिलीयन अफ़राद की टैक्स कटौती से रोज़गार के मवाक़े फ़राहम होंगी।

* )इस दावे की ताईद में अब तक एक सबूत भी नहीं पेश किया जा सका।

8) योरोपी क़ाइदीन का आइन्दा इजलास फ़ैसलाकुन होगा।

*) रो कूफ़ ने कहा कि हर जोटी इजलास का से क़बल यही दावे किया जाता है और इस का नतीजा भी सामने है कि अमरीका मुसलसल अपनी बरतरी खोता जा रहा है।

9) ओबामा इंतिज़ामीया मालीयाती ख़िदमात के शोबा में इस्लाहात के लिए पाबंद अह्द है।
* )अमेरीकी मालीयाती निज़ाम 2008 की मआशी सुस्त रवी के बाद से इस क़दर बोसीदा हो चुका है कि अब तक मामूली मुसबत पेशरफ़्त भी नहीं हो सकी।

10) सिर्फ 9 फ़ीसद अमरीकी शहरीयों की कांग्रेस को मंज़ूरी।

* )ये हक़ीक़त में मुम्किन नहीं हो सकता। रो कूफ़ ने कहा कि ऐसे दावे को किसी सूरत में क़बूल नहीं किया जा सकता।

11) लीबिया में कार्रवाई अंदरून चंद यौम या हफ़्ते ख़तम् हो जाएगी।

*) रो कूफ़ ने बताया कि ये कार्रवाई इबतदा-ए-ही से ग़लत रही और एक ग़लती की पर्दापोशी के लिए दूसरी ग़लती की गई जिस का सिलसिला कई माह जारी रही।

12) मुझे इसराईल से मुहब्बत है।

*)अमरीका की सियासत में हर कोई ये दावे करता है लेकिन ये हक़ीक़त नहीं है। इस का वाज़िह मतलब सिर्फ ये है कि सयासी क़ाइदीन चाहते हैं कि अमरीका में मौजूद यहूदी सिर्फ उन्हें वोट और रक़म फ़राहम करें।