गुज़श्ता साल दुनिया भर में 121 सहाफ़ी हलाक हो गए जो पिछले बरसों की निसबत ज़्यादा है। ये बात सहाफ़ीयों की बैन-उल-अक़वामी फ़ैडरेशन के ऐलान नामा में कही गई है। वाज़ेह रहे कि 2011-में दुनिया भर में 107 सहाफ़ी मारे गए थे।
सहाफ़ीयों की हलाकत की अव्वलीन वजह ये है कि दुनिया के ममालिक की हुकूमतें और अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सहाफ़ीयों की हिफ़ाज़त को यक़ीनी बनाने से क़ासिर हैं।
सहाफ़ीयों की हलाकतों की ये रिकार्ड तादाद देख कर वाज़ेह होता है कि सहाफ़ीयों की हिफ़ाज़त से मुताल्लिक़ हुक्काम के तमाम वादे महज़ लफ़्फ़ाज़ी हैं और ये कि हुक्काम सहाफ़ीयों के तहफ़्फ़ुज़ के लिए अमली इक़दामात नहीं कर रहे।