एशिया के मुखतलिफ़ इलाकों के तालिबे इल्म नालंदा यूनिवर्सिटी में तालीम याफ़्ता के लिए आते थे, लेकिन बाद में हमलावरों ने इसे बर्बाद कर दिया। अब 21वीं सदी में एकबार फिर इस क़दीम बैन अल कवामी यूनिवर्सिटी की वकार को बहाल करने की मंसूबा है।
मंसूबा के मुताबिक साल 2014 से इस यूनिवर्सिटी में पढ़ाई शुरू होने की इमकान है। क़दीम यूनिवर्सिटी के खंडहर के नजदीक एक बैन उल कवामी यूनिवर्सिटी बनाने की मंसूबा बनाई गई है, जहां दुनिया भर के तालिबे इल्म और टीचर एक साथ मिलकर तालीम याफ़्ता होंगे। इस नए यूनिवर्सिटी में न सिर्फ क़दीम मौजू की, बल्कि जदीद मौजूं की भी पढ़ाई होगी।