राज्यसभा में ध्यानाकर्षण नोटिस के जवाब में एक बयान में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत में पशु व्यापर निषिद्ध नहीं किया था | जिसकी वजह से 2015 और 2016 के बीच उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में गौमांस और मांस परिवहन की 21 घटनाएं हुईं जिनकी वजह से सांप्रदायिक दंगे हुए |
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“पुलिस और जनता के आदेश” का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि इस तरह के अपराधों के लिए राज्य सरकार मुख्य रूप से जिम्मेदार थी |
देश के विभिन्न भागों में पशु व्यापारियों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह किरण रिजिजू राज्य मंत्री ने कहा कि गाय के वध की तस्वीरें लोगों को भड़काने के लिए सोशल साईट पर डाली जा रही हैं| उन्होंने कहा कि देश में शांति सुनिश्चित करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आना चाहिए |
इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया से असंतुष्ट विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार पशु व्यापार में शामिल, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ हुई हिंसक घटनाओं और हमलों पर क्यूँ चुप थी |
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि “बहस का मुद्दा भटक गया है” |
इससे पहले इस मुद्दे पर बोल रही , कांग्रेस की कुमारी शैलजा इस पर एक नीति की मांग करते हुए कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।