2019 आम चुनाव से ठीक पहले प्रयागराज में लगने वाला कुंभ कई मायनों में अहम है। कुंभ में अखाड़ों का आगमन हो चुका है। इन्हीं अखाड़ों के महंतों ने यहां लगी चौपाल में मोदी सरकार से नाराजगी जताई और चेतावनी दी है कि मंदिर नहीं तो 2019 में मोदी भी नहीं।
इस बीच चर्चा है कि कुंभ मेले के दौरान विश्व हिंदू परिषद प्रयागराज में धर्म संसद बुला सकता है हालांकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि महाराज व अन्य अखाड़ों के संतों ने कहा कि धर्म संसद बुलाए जाने का अधिकार किसी राजनीतिक दल को या फिर विश्व हिंदू परिषद को भी नहीं है। महेंद्र गिरि के मुताबिक धर्म संसद बुलाए जाने का अधिकार सिर्फ 4 पीठों के शंकराचार्य को है।
महंत नरेंद्र गिरि महाराज व अन्य संतों ने कहा कि मोदी और भारतीय जनता पार्टी को विकास के नाम पर वोट नहीं मिला। अगर विकास के नाम पर वोट मिलता तो उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री कोई और होता या शायद अखिलेश यादव मुख्यमंत्री होते।
गोधरा कांड के बाद मोदी का हिंदूवादी चेहरा सामने आया तो लोगों ने सोचा कि यूपी में योगी रहेंगे, दिल्ली में मोदी जी रहेंगे तो राम मंदिर बन जाएगा, पर ऐेसा हुआ नहीं।राम मंदिर बनेगा तभी यह सरकार टिकी रही।
चौपाल में राम मंदिर मसले पर बात करते हुए निरंजनी अखाड़ा के प्रमुख महंत केशव पुरी ने कहा कि साधु, संत, महात्माओं ने इसीलिए भाजपा का साथ दिया कि राम मंदिर बनेगा और एक समस्या हल होगी लेकिन अभी ऐसा लगता है कि साढ़े 4 साल हो गए हैं फिर भी राम मंदिर के बारे में सरकार विचार नहीं कर रही है। केशव पुरी ने कहा कि राम मंदिर बनेगा तभी यह सरकार टिकी रहेगी, नहीं तो मुश्किल लगता है।
साभार- ‘पंजाब केसरी’