भाजपा की सहयोगी लोजपा के प्रमुख रामविलास पासवान ने शनिवार को दावा किया कि 2019 में सत्ता बरकरार रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने किसी भी तरह की चुनौती नहीं है. उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान की पृष्ठभूमि में आयी है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ राजग से मुकाबले के लिए विपक्षी दल एकजुट होंगे.
लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री ने विपक्षी दलों का उपहास उड़ाते हुए कहा कि उन्हें 2024 के संसदीय चुनाव के लिए ध्यान केंद्रित करना चाहिए. बी पी मंडल की जयंती की याद में एक कार्यक्रम में पासवान संवाददाताओं से बात कर रहे थे. वह मंडल आयोग के नाम से चर्चित कमेटी के प्रमुख थे. उनकी रिपोर्ट से अन्य पिछड़ा समुदायों के लिए आरक्षण की राह तैयार हुई थी. उनका जन्म आज ही के दिन 1918 में हुआ था.
केंद्रीय मंत्री पासवान ने ओबीसी के ‘मसीहा’ होने का दावा करने वाले नेताओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि समुदाय में केवल दो मसीहा हुए हैं, एक मंडल और दूसरे पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह, जिन्होंने उनकी रिपोर्ट को लागू किया. उन्होंने कहा कि सिंह ने तब अपने राजनीतिक करियर को दांव पर लगाया और लहर के खिलाफ जाने का फैसला किया जब उन्होंने घोषणा की कि उनकी सरकार रिपोर्ट को लागू करेगी. उन्होंने इसे बहुत साहस वाला फैसला बताया.
कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारें 1980 में सुपुर्द की गयी रिपोर्ट को दबाए रही और इस पर कोई कदम नहीं उठाया.
इसी महीने की शुरुआत में अपनी पार्टी द्वारा आयोजित दलित, आदिवासी, पिछड़ा और अतिपिछड़ा सम्मेलन में पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे बड़ा अम्बेडकरवादी बताया था. पासवान ने कहा था कि मोदी ने एससी—एसटी अधिनियम के कड़े प्रावधानों को बहाल रखकर खुद को डॉ बी आर अम्बेडकर के सबसे बड़े अनुयायी के रूप में साबित कर दिया है. उन्होंने कांग्रेस पर पिछडा वर्ग विरोधी पार्टी होने का आरोप लगाते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से कहा था कि राजग सरकार ने उनके खिलाफ कोई गलत काम नहीं किया है और न ही भविष्य में करेगी.