2019 चुनाव: बीजेपी के मेनिफेस्टो में मुसलमानों के लिए क्या?

भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को लोकसभा चुनावों के लिए अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। पार्टी ने अपने घोषणा पत्र को ‘संकल्प पत्र’ का नाम दिया है।

अपने इस ‘संकल्प पत्र’ में पार्टी ने तमाम पहलुओं को छूने की कोशिश की है जिनमें किसान से लेकर व्यापारी और राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर जनकल्याण तक शामिल हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में समाज के हर तबके के लिए कुछ न कुछ जरूर रखा है। साथ ही पार्टी का घोषणा पत्र देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर भी काफी जोर देता हुआ लगता है।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने घोषणा पत्र जारी होने से पहले इस बात पर जोर दिया कि पिछले 5 वर्षो में एक मजबूत, निर्णायक, पारदर्शी एवं संवेदनशील सरकार दी, साथ ही 2019 के चुनाव में लोगों से आशीर्वाद मांगा। बीजेपी ने इस मेनिफेस्टो में मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए कुछ खास नहीं वादा किया है। वैसे भी कर्नाटक के एक बीजेपी मंत्री ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि मुसलमान बीजेपी को वोट नहीं देते हैं, इसलिए इन्हें टिकट नहीं दिया जाता है। अगर सवाल ये है तो क्या बीजेपी कभी मुस्लिम समुदाय के करीब आने की कोशिश की है? अगर हां तो बताना चाहिए कि कौन सी कोशिश की गई है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में लोकसभा चुनाव के संदर्भ में भाजपा का संकल्प पत्र जारी करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि 2014 के चुनाव में जनता ने आशीर्वाद दिया और हमें पूरा भरोसा है कि 2019 में एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनादेश मिलेगा।

उन्होंने कहा कि 2022 में देश आजादी के 75 वर्ष पूरे करेगा इसलिए हम 75 संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं। हम देश को मौजूदा समस्याओं से मुक्त बनाने की दिशा में पूर्ण प्रयास के संकल्प के साथ आगे बढ़ेंगे।

शाह ने कहा कि हमने पांच साल में 50 से ज्यादा महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं जो इतिहास का हिस्सा बनेंगे। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 2014-19 की यात्रा ऐसी है कि जब भी भारत के विकास का और दुनिया में भारत की साख बनने का इतिहास लिखा जाएगा तो यह कार्यकाल स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा।