2020 तक अबू धाबी में मंदिर का निर्माण हो जायेगा

अबू धाबी : 2020 तक संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर बन जायेाग, जो कि भारत के कारीगरों द्वारा तैयार किए जाएंगे। वास्तुकला नई दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर से प्रेरित होगा, गुरुवार को राष्ट्रीय समाचार पत्र ने सूचना दी। मंदिर दुबई-अबू धाबी राजमार्ग से दूर स्थित होगा। इस मंदिर की कुछ विशेषताएं भी हैं जैसे इसके निर्माण में पवित्र पत्थर का इस्तेमाल होगा और यहां आगंतुकों के लिए ‘प्रार्थना हॉल, प्रदर्शनियों के लिए जगह, बच्चों के खेलने के लिए मैदान, उद्यान, पानी की सुविधा और एक किताब की दुकान भी शामिल है।

निर्माण और प्रबंधन के लिए बीएपीएस स्वामीनारायण संस्थान को सौंपा गया है। यह मंदिर 55,000 वर्ग मीटर भूमि पर खड़ा होगा। विशाल क्षेत्र अबू धाबी के क्राउन प्रिंस, शेख मोहम्मद बिन जरद अल-नहयान ने एक उपहार के तौर पर भारत को यह तोहफा दिया है. रविवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति के साथ, दुबई ओपेरा हाउस में मंदिर का समारोह हुआ।

बीएपीएस के एक प्रवक्ता ने कहा कि मंदिर हिंदू धर्म के परंपरागत अभ्यास को सुविधाजनक बनाने और संयुक्त अरब अमीरात के संबंध और मजबुत होंगे. सार्वभौमिक मानव मूल्यों के जरिए लाखों करीब 3.3 लाख भारतीयों की सेवा करेंगे और लाखों अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की भी सेवा करेंगे। यह आज और भविष्य की पीढ़ियों के बच्चों को भी उज्ज्वल भविष्य बनाएगा।

यूएई में भारतीय राजदूत नवदीप सिंह सूरी ने कहा, ‘अबू धाबी का पहला हिंदू मंदिर जिसकी आधारशिला पीएम मोदी रखने वाले हैं, भारत और यूएई की सहिष्णुता की संस्कृति का प्रतीक होगा.’ हां की कुल आबादी का 30 फीसदी है. वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हिंदुओं के लिए केवल एक ही मंदिर है और यह मंदिर दुबई में स्थित है.

यूएई सरकार ने पीएम मोदी की 2015 में संयुक्त अरब अमीरात के पहले दौरे के वक्त अबू धाबी में एक मंदिर के निर्माण के लिए भूमि आवंटन की घोषणा की थी. इसके बाद यूएई सरकार ने मंदिर के लिए अल वाथबा में 20,000 स्क्वॉयर मीटर जमीन उपलब्ध कराई. इस मंदिर का निर्माण प्राइवेट फंड से किया जा रहा है.