पटना : वीआर काॅलेज, कीरतपुर, भगवानपुर, वैशाली में टॉपर के विवाद को लेकर यह पहला मामला नहीं है. पिछले साल भी इसी कॉलेज के 222 विद्यार्थी इंटर साइंस के टॉपर लिस्ट में शामिल थे, इम्तिहान में शामिल सारे 1007 स्टूडेंट पहले जमर से पास हुए थे, इस अजीबो गरीब रिजल्ट को देख कर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने रिजल्ट पर रोक लगा दी थी.
जिसके बाद समिति की ओर से सारे अंसार कॉपी दुबारा जांच करवायी गयी. एक महीने बाद रिजल्ट सामने आया. दुबारा जांच के बाद 222 की जगह मात्र तीन स्टूडेंट ही टॉपर लिस्ट में शामिल हुए. 2015 की तरह 2016 का भी इंटर साइंस और आर्ट्स का टाॅपर लिस्ट संदेह के घेरे में आ गया है. इस बार भी टॉपर लिस्ट में वीआर कॉलेज, कीरतपुर, भगवानपुर, वैशाली के ही छात्र का नाम सामने आ रहा है.
समिति द्वारा 2015 में दो रोल कोड के रिजल्ट पर रोक लगा दी गयी थी. इसमें तक़रीबन 4414 परीक्षार्थी शामिल थे. इन दोनों कोड के रिजल्ट रोकने के अलावा इंटर साइंस का रिजल्ट घोषित कर दिया गया था. पहली बार समिति ने प्रोविजनल टॉपर लिस्ट जारी किया था.
पहली बार जो टॉपर लिस्ट निकला उसमें विद्यापति प्लस टू हाई स्कूल मुबाजितपुर नाॅर्थ समस्तीपुर का छात्र विकास कुमार को स्टेट टॉपर घोषित किया गया. लेकिन 15 दिनों के बाद वीआर कॉलेज, कीरतपुर,भगवानपुर, वैशाली के छात्र विशाल काे टॉपर घोषित किया गया.
गौरतलब है कि कि 2015 में इंटर साइंस के रिजल्ट घोषित होने के पहले ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सामने वीआर कॉलेज कीरतपुर के 1007 उत्तर पुस्तिका में एक जैसी हैंडराइटिंग होने की बात सामने आयी थी. इससे इंटर साइंस के रिजल्ट निकलने के पहले ही समिति ने इस कॉलेज के रिजल्ट पर रोक लगा दी थी.
ज्ञात हो कि इस कॉलेज से 2015 में 1007 परीक्षा इंटर साइंस की परीक्षा में शामिल हुए. इनमें सभी छात्र प्रथम श्रेणी में पा कर गये. इतना ही नहीं, इस कॉलेज के 222 छात्रों के नाम टाॅप टेन मेरिट लिस्ट में भी शामिल थे. इस कॉलेज का रिजल्ट देखकर समिति कार्यालय ने काॅलेज के रिजल्ट पर रोक लगा दी थी. फिर दुबारा इस काॅलेज के तमाम 1007 छात्रों के उत्तर पुस्तिका की जांच करवायी गयी.
समिति की ओर से इस कॉलेज के उत्तर पुस्तिका की जांच के लिए 20 शिक्षकों की स्पेशल टीम बनायी गयी. इन शिक्षकों ने तमाम उत्तर पुस्तिका की जांच की. इसके बाद जो रिजल्ट सामने आया. उसमें इस कॉलेज के 1007 छात्रों में 600 छात्र के उत्तर पुस्तिका में अंक कम किया गया.