रियासत से हज पर गये हाजियों का पहला जत्था मंगल को रांची पहुंचा। इस जत्थे में 235 हाजी थे। हज टरमिनल से बाहर आने के बाद हाजियों के अहले खाना ने माला वगैरह से उनका इस्तकबाल किया। वहीं हाजियों के इस्तकबाल के लिए एमपी सुबोधकांत सहाय, वज़ीर हाजी हुसैन अंसारी समेत हज कमेटी के मेम्बर हाजी जैनुल आबदीन समेत दीगर मेंबरान और सेक्रेटरी शकील जब्बार ने भी किया। काफी तादाद में मुखतलिफ़ क्लब के रुक्न सरफराज अहमद,तौहिद समेत दीगर हाजियों के सामान लाने से लेकर उन्हें बाहर निकालने तक में मदद कर रहे थे। इस काम में मंगल को रांची के अलावा बोकारो,धनबाद,गढ.वा, खूंटी, गोड्डा, हजारीबाग, कोडरमा, पलामू व रामगढ़ के हाजी आये। ३० अक्तूबर को दिन के 1.20 बजे हाजियों का दूसरा जत्था रांची पहुंचेगा। हाजी जैनुल आबदीन ने कहा कि दूसरे जत्थे में रांची के 158, हजारीबाग,लातेहार, लोहरदगा, सरायकेला व बोकारो के हाजी है।
रांची एयरपोर्ट से लेक रोड राइन मुहल्ला रिहाहसी हाजी इलियास और आसमा खातुन बाहर आये। उनसे मिलने वालों की भीड़ लग गयी। डोरंडा न्यू परस टोली रिहायसी मजहर इमाम और उनकी बीवी सैमा परवीन अपने सात साल के बेटे हाजी हसन इमाम को लेकर हज पर गये थे। बाहर आते ही उनसे मिलने वालों की भीड़ लग गयी। हर कोई बच्चे को गोदी में उठा कर इधर उधर घुम रहा था। रहमत कॉलोनी रिहायसी बदरूल होदा ,डोरंडा के रिसालदर नगर रिहायसी उसमान गद्दी और साहिदा बेगम11.25 बजे एयरपोर्ट से बाहर आये। ठंड के बावजूद हाजियो को लेने और उनसे मिलने के लिए काफी तादाद में लोग आये हुए थे।