उत्तराखंड में जारिया साल माह जून में आए ज़बरदस्त सैलाब की तबाह कारियों ने हज़ारों अफ़राद को बेघर कर दिया है और हुकूमत उनकी बाज़ आबादकारी के लिए कोशां है।
इस सिलसिले में हुकूमत ने हाल ही में ये ऐलान किया था कि कम-ओ-बेश 2500 ख़ानदानों को पुरी फेबरीकेटेड (रेडीमेड टाइप) मकानात अलॉट किए जाऐंगे। ये मकानात दो लाख रुपये के हर्जाने के इलावा होंगे जो हर उस फ़र्द को दिए गए हैं जिन के मकानात तबाह होचुके हैं।
रियास्ती हुकूमत की बाज़ आबादकारी पालिसी का ऐलान करते हुए वज़ीर-ए-आला विजय बहू गुना अख़बारी नुमाइंदों से मुख़ातब थे। उन्होंने आदाद-ओ-शुमार पेश करते हुए कहा कि सैलाब में 3100 ख़ानदान बेघर होचुके हैं जिस में से 600 ख़ानदानों की बाज़ आबादकारी की ज़िम्मेदारी मुख़्तलिफ़ एन जी ओज़ और कॉरपोरेट कंपनियों ने ली है जबकि माबक़ी ख़ानदानों की बाज़ आबादकारी हुकूमत की जानिब से की जाएगी।
याद रहे कि सैलाब में सब से ज़्यादा मुतास्सिर होने वाले मवाज़आत की निशानदेही की गई है जिन में रोदर्रा प्रयाग, चमोली, अतरकाश, बागेश्वर और पितूर गढ़ के नाम काबिल-ए-ज़िकर हैं। उन्होंने मज़ीद कहा कि पुरी फेबरीकीटीड मकानात को भी आप सस्ता तसव्वुर ना करें। फ़ी मकान की लागत 6 लाख रुपये है जिस में दो कमरे और एक बैत उल-खुला होगा।
ये मकानात 30 साल तक टिकाऊ होंगे। हमारी पूरी कोशिश है कि पुरी फेबरीकीटीड मकानात की तामीर शदीद सर्दीयों के शुरु से पहले मुकम्मल होजाए। उन्हों ने वाज़िह कर दिया कि अगर कोई इस्तिफ़ादा कनुंदा इन मकानात में रहने का ख़ाहिश नहीं है तो उसे 4 लाख रुपये अदा किए जाऐंगे जो इन दो लाख रूपियों के इलावा होंगे जो उसे पहले ही दिए जा चुके हैं।
यही नहीं बल्कि उसे 1000 मुरब्बा फिट अराज़ी बिलकुल मुफ़्त दी जाएगी ताकि वो अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़ मकान तामीर करसकें उन्हें यह ज़य्यात सिर्फ़ इन ही इलाकोंमें अलॉट की जाएंगी जो उन के पुराने और तबाह शूदा मकान से मुत्तसिल है।