26 साल क़ब्ल 2 हज़ार रुपये रिश्वत लेने वाले साबिक़ जज को जेल

साबिक़ जज को 26 साल पहले 2 हज़ार रुपये रिश्वत कुबूल करने पर आज 3 साल क़ैद की सज़ा सुनाई गई। अदालत ने कहा कि जज्स ( न्यायधीश) के लिए अख़लाक़ी हदूद की पासदारी समाजी एहमीयत की हामिल है क्योंकि अवाम का अदलिया पर जो एतेमाद है उसे मुतज़लज़ल होने नहीं दिया जा सकता।

74 साला साबिक़ जज गुलाब तुलसियानी को ख़ुसूसी सी बी आई जज वे के महेश्वरी ने रिश्वत वसूल करने का मुजरिम क़रार देते हुए जेल की सज़ा सुनाई। 1986 में जब वो पटियाला हाऊस कोर्ट के मेट्रो पोलीटन मजिस्ट्रेट थे तब उन्होंने फैक़्टरी चालान मुक़द्दमा की यकसूई के लिए गै़रक़ानूनी तौर पर रक़म हासिल की थी।

अदालत ने उन्हें 50 हज़ार रुपये जुर्माना भी आइद किया। ताहम जेल की सज़ा पर अमल आवरी 28 मई तक मुल्तवी रखी क्योंकि तुलसियानी ने सज़ा के ख़िलाफ़ अपील दायर करने की ख़ाहिश ज़ाहिर की। अदालत ने 50 हज़ार रुपये के शख़्सी मुचल्का और उतनी ही रक़म की ज़मानत पर उन्हें आरिज़ी राहत फ़राहम की और 29 मई को अदालत में पेश होने का हुक्म दिया।