ज़कात फाउंडेशन की मदद से 26 मुस्लिमो युवाओं का हुआ यू.पी.एस.सी में सिलेक्शन

इस साल जक़ात फाउंडेशन की मदद से आईएएस और आईपीएस बनने वाले युवाओं में सबसे अधिक यूपी और केरल से 9-9 युवा हैं। जबकि जम्मू-कश्मीर से तीन और महाराष्ट्र-बिहार से 2-2 युवा हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार लड़कियों की संख्या कम है। पिछले साल जहां 4 लड़कियों ने जक़ात की मदद से ये परीक्षा पास की थी, तो वहीँ इस बार ये संख्या सिर्फ 2 है।

बता दें कि सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारियों के लिए जक़ात फाउंडेशन की मदद पाना आसान नहीं है। जक़ात की मदद पाने के लिए पहले सिविल सर्विस प्री परीक्षा स्तर की परीक्षा पास करनी होती है। उसके बाद इंटरव्यू भी पास करना होता है। इस परीक्षा का आयोजन जक़ात फाउंडेशन ही करता है,

जक़ात फाउंडेशन की मदद पाने का तरीका क्या है और कैसे तैयारी करायी जाती है आइए जानते हैं खुद जक़ात फाउंडेशन के अध्यक्ष डाक्टर सैय्यद जफर महमूद से. जो खुद भी सिविल सर्विस से रिटायर्ड हैं।

जफर महमूद बताते हैं कि आमतौर पर अप्रैल के आखिरी रविवार को हम राष्ट्रीय स्तर पर लिखित परीक्षा कराते हैं। ये परीक्षा दिल्ली में होती है। तीन सेंटर श्रीनगर,मल्लापुरम (केरल) और कोलकाता में हम खुद जाकर परीक्षा लेते हैं। लिखित परीक्षा का पेपर सिविल सर्विस की प्री परीक्षा में आने वाले प्रश्नों के स्तर का होता है। परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों का सिविल सर्विस के रिटायर्ड और सर्विस कर रहे अधिकारियों का पैनल इंटरव्यू लेता है। लिखित परीक्षा के लिए नवंबर में आन लाइन आवेदन लिए जाते हैं।

डॉ. जफर का कहना है कि एक बैच के लिए हम 50 लड़कों का चुनाव करते हैं। लेकिन लड़कियों के लिए सीट की कोई सीमा नहीं है। लिखित परीक्षा और इंटरव्यू पास करने के बाद चाहें जितनी लड़कियां कोचिंग के लिए आ सकती हैं. हालांकि अभी तक एक बैच में 10 से 12 लड़कियां आती हैं, जिसमें से तीन से पांच लड़कियां कामयाब हो रही हैं।