आज बाबरी मस्जिद विध्वंस के 26 साल पुरे हो गये। मगर इस घटना में आज़ाद भारत में नफ़रत को जन्म दिया है। यही वह बड़ी शुरुआती घटना है, जिसने शांतिपूर्ण माहौल में ज़हर घोलने का बड़ा काम कर गाया।
अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस की आज (गुरुवार) 26वीं बरसी है। पूरी अयोध्या नगरी इस वक्त कड़ी सुरक्षा के घेरे में है। आज ही के दिन यानी 6 दिसंबर साल 1992 को अयोध्या में विवादित परिसर में मौजूद ढांचे को गिरा दिया गया था।
जिसके बाद से दोनों समुदाय के लोग इस दिन को अपने अपने तरीके से मनाते हैं। विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि वह लोग इस दिन को शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं।
उस वक्त के भाजपा अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी रथ यात्रा में निकले और बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार किए गए। हजारों कार सेवक अयोध्या में एकत्रित हुए। मस्जिद में तोड़फोड़ हुई और पुलिस फायरिंग में 30 लोगों की मौत हुई।
6 दिसंबर को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को ढहाया और एक अस्थाई मंदिर बना। पूरे भारत में दंगे हुए और 1200 लोगों की मौत हुई।16 दिसंबर को तोड़फोड़ की जांच के लिए एस.एस. लिब्रहान आयोग का गठन हुआ।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर होने वाली सुनवाई जनवरी 2019 तक टाल दी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने यह स्पष्ट किया कि अयोध्या मामले में तुरंत सुनवाई नहीं होगी। अब अगले साल मामले पर सुनवाई होगी।