28 जनवरी से पहले तेलंगाना के क़ियाम का एलान तकरीबन यक़ीनी

हैदराबाद 23 जनवरी : सीमा। आंध्र क़ाइदीन की तरफ से शिद्दत से की जाने वाली मुख़ालफ़तों को नज़रअंदाज करते हुए मर्कज़ी हुकूमत की तरफ से 28 जनवरी से पहले अलैहदा तेलंगाना की तशकील का एलान किया जा सकता है । सीमा आंध्र क़ाइदीन की तरफ से मर्कज़ी वज़ीर दाख़िला सुशील कुमार शिंदे वज़ीर आज़म डाक्टर मनमोहन सिंह और दूसरे क़ाइदीन से नुमाइंदगीयाँ करते हुए आंध्र प्रदेश को मुत्तहिद रखने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया जा रहा है ।

इन कोशिशों में सीमाआंध्र क़ाइदीन को मर्कज़ी क़ाइदीन की तरफ से कोई पज़ीराई नहीं मिल रही है। इन कोशिशों की परवाह किए बगैर अब ये इशारे मिल रहे हैं कि मर्कज़ी हुकूमत 28 जनवरी से पहले अलैहदा रियासत तेलंगाना के क़ियाम का एलान करदेगी। सीमा आंध्र क़ाइदीन की तरफ से मर्कज़ी वुज़रा ग़ुलाम नबी आज़ाद और वेलार रवी से भी मुलाक़ातें हुई हैं लेकिन इन क़ाइदीन ने भी इन क़ाइदीन को खरी खरी सुना दी और ये वाज़िह इशारे दीदए हैं कि मर्कज़ ने तेलंगाना रियासत के क़ियाम का फैसला करलिया है ।

अब इस का एलान 28 जनवरी से पहले किसी भी वक़्त किया जा सकता है । अलैहदा रियासत की तशकील के मंसूबे को आख़िरी शक्ल देने की कोशिशें की जा रही हैं । ये कयास भी किया जा रहा है कि 26 जनवरी को यौम जमहूरीया के मौके पर सदर जमहूरीया के क़ौम से ख़िताब में तेलंगाना के ताल्लुक़ से मर्कज़ी हुकूमत के फैसले का तज़किरा किया जा सकता है।

कहा जा रहा है कि 2014 में होने वाले लोक सभा चुनाव में पेश आने वाले हालात को देखते हुए कांग्रेस क़ियादत ने अलैहदा रियासत की तशकील का ज़हन बनालिया है ।

आंध्र प्रदेश में मौजूदा सयासी सूरत-ए-हाल ने मर्कज़ को तेलंगाना के फैसले की सिम्त राग़िब करने में अहम रोल अदा किया है । रियासत में लोक सभा की 42 नशिस्तें हैं और अब आंध्र और रायलसिमा इलाक़ों में वाई एस राज शेखर रेड्डी के फ़र्ज़ंद जगन मोहन रेड्डी की वाई एस आर कांग्रेस पार्टी के असर और तेलंगाना इलाके में तेलंगाना राष़्ट्रा समीति की अवामी मक़बूलियत को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ख़ुद को तेलंगाना के हक़ में फैसला के लिए मजबूर पा रही थी । इसी हक़ीक़त को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान ने भी अलैहदा रियासत की तशकील के ताल्लुक़ से सूचना शुरू किया था । कांग्रेस ज़राए का कहना है कि पार्टी अलैहदा रियासत की तशकील के ज़रीये तेलंगाना इलाके में अपने सयासी मुस्तक़बिल को महफ़ूज़ करसकती है ।

वो यहां मिलने वाली हमदर्दी की लहर से ख़ुद अपने तौर प्रिया फिर टी आर एस से इतेहाद के ज़रीये शानदार कामयाबी हासिल करसकती है और तेलुगु देशम पार्टी की तरफ से मर्कज़ को तेलंगाना की ताईद में जो मकतूब रवाना किया गया है इस के असरात से पार्टी अलैहदा रियासत की तशकील के ज़रीये ही महफ़ूज़ रह सकती है ।

इस के अलावा ये भी कयास किया जा रहा है कि इलाक़ा तेलंगाना में तेलुगु देशम पार्टी की मक़बूलियत में जो इज़ाफ़ा हुआ है उस को रोकने के लिए भी अलैहदा रियासत का क़ियाम ज़रूरी है । जहां तक आंध्र और रायलसिमा इलाक़ों का सवाल है कांग्रेस पार्टी में एक गोशा अभी भी एसा है जो मुस्तक़बिल में वाई एस आर कांग्रेस के साथ कांग्रेस के इत्तिहाद का इमकान मुस्तारिद नहीं करता।

तेलुगु देशम के सीमा आंध्र क़ाइदीन ने ये इशारा देदिया है कि वो तेलंगाना मसले पर पार्टी सदर के फैसले का एहतिराम करेंगे और डिसिप्लिन शिकनी के मुर्तक़िब नहीं होंगे। ताहम कई क़ाइदीन की शख़्सी राए तेलंगाना के ख़िलाफ़ है।

दार-उल-हकूमत दिल्ली में तेलंगाना के ताल्लुक़ से सरगर्मियां शिद्दत के साथ जारी हैं। सीमा आंध्र क़ाइदीन की तरफ से मुख़ालिफ़ाना सरगर्मियों से क़ता नज़र तेलंगाना हामी क़ाइदीन भी दिल्ली में सरगर्म हैं और मर्कज़ पर दबा डाल रहे हैं कि 28 जनवरी से पहले अलैहदा रियासत के क़ियाम का एलान करदिया जाये।

अब जबके 28 जनवरी की मोहलत ख़त्म होने के करीब आती जा रही है तेलंगाना के ताल्लुक़ से बे चीनी में भी इज़ाफ़ा होता जा रहा है । इस बे चैनी का मर्कज़ के एलान के साथ इख़तताम अमल में आएगा। कांग्रेस के मर्कज़ी क़ाइदीन के हालिया ब्यानात से भी ये वाज़िह होगया है कि मर्कज़ ने अलैहदा रियासत की तशकील का अपने तौर पर फैसला करलिया है और अब इस फैसले का महिज़ एलान करना बाक़ी है ।