अहमदाबाद। गुजरात में हुएं 2002 में नरोडा पाटीया कतल आम को करीब 10 साल होने को हैं और वहां के पिडीतों को शिद्दत से इंसाफ का इंतेजार हैं। इस मामले में स्पेशल कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला 29 अगस्त तक महफुज कर रखा है।
शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान जज ने सभी के लिये गैर जमानती वारंट जारी कर दिया । ये बात गौर तलब है कि नरोडा पाटिया में 95 लोगौं को या ते जिंदा जला दिया गया या फिर उनको कतल कर दीया गया था।
इस दर्दनाक वाकिये में 62 लोगौं पर जुर्म साबित हुआ। दंगे में शामिल होने के जुर्म में सूबे के कई अहम नेताओं पर लगे इनमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी मानी जाने वाली माया कोडनानी भी शामिल थीं।
इस मामले में आरोपी बनाए जाने से पहले तक माया कोडनानी मोदी सरकार में मंत्री थीं। गुजरात पुलिस की ढीली जाच के बाद इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई। जिसके बाद माया कोडनानी ने सरेंडर किया। इस मामले में अगस्त में आने वाले फैसले पर माया कोडनानी, मुन्ना बजरंगी और जयदीप पटेल का भविष्य जुड़ा है।