नई दिल्ली। 27 सितंबर (पी टी आई) सी बी आई ने नामज़द ख़ुसूसी अदालत से रुजू होते हुए साबिक़ वज़ीर टेलीकॉम ए राजा और दीगर दो के ख़िलाफ़ 2G असपीकटरम मुक़द्दमा में अवामी ख़िदमत गुज़ारों की मुराआत शिकनी के ताज़ा इल्ज़ामात आइद करने की ख़ाहिश की है। स्पैशल पब्लिक प्रासीक्यूटर यू यू ललित ने ख़ुसूसी सी बी आई जज ओ पी सावनी के रूबरू दरख़ास्त पेश की जिस में कहा गया है कि राजा उन के साबिक़ प्राईवेट सैक्रेटरी आर के चण्डू लिया और साबिक़ टेलीकॉम सैक्रेटरी सिद्धार्थ भूरा के ख़िलाफ़ ताअज़ीरात-ए-हिंद की दफ़ा 409 के तहत फ़ौजदारी एतिमाद शिकनी का मुक़द्दमा दर्ज किया जाना चाहिये। उन्हों ने कहा कि इन तीनों के ख़िलाफ़ ये दफ़ा लागू करने की जायज़ वजूहात पाई जाती हैं। सी बी आई की दरख़ास्त में कहा गया है कि राजा और दीगर दो साबिक़ ओहदेदारों के इलावा तमाम बिशमोल डी ऐम के रुकन पार्लीमान कन्नी मोज़ही और तीन टेलीकॉम फर्म्स के ख़िलाफ़ दफ़ा 409 (मुजरिमाना उमरा आत् शिकनी) दफ़ा 120B (मुजरिमाना साज़िश) के तहत मुक़द्दमा दर्ज किया जाना चाहिये। । कहा गया है कि ए राजा, भूरा और चण्डू लिया अवामी ख़िदमतगुज़ार थे और उन्हों ने गिरां क़दर 2G असपीकटरम के मुआमले में बहैसीयत अवामी ख़िदमतगुज़ार अपने इख़्तयारात का ग़लत इस्तिमाल किया। सी बी आई ने कहा कि मुल्ज़िम अवामी ख़िदमत गुज़ारों ने दीगर मुल्ज़िमीन के साथ साज़िश करते हुए गिरां क़दर 2G असपीकटरम को गै़रक़ानूनी तौर पर फ़रोख़त किया जो कि मौजूदा पालिसीयों के इलावा दरकार अहलीती उमूर को नजरअंदाज़ करते हुए किया गया इक़दाम था। इन तीनों ने एक ऐसे जुर्म का इर्तिकाब किया जिस के तहत उन्हें ताज़ीरात-ए-हिंद की दफ़ा 409 के मुताबिक़ सज़ा मिलनी चाहिये । इसी तरह दीगर मुल्ज़िमीन को भी 409 के साथ साथ दफ़ा 120B के तहत सज़ा दी जानी चाआई। सी बी आई ने अपनी दरख़ास्त में इस बात पर ज़ोर दिया कि मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ ताज़ा मुक़द्दमा दर्ज किया जाना ज़रूरी है। सी बी आई ने मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ अपनी दीगर दो चार्ज शीट्स मैं ताअज़ीरात-ए-हिंद की मुख़्तलिफ़ दफ़आत 120B, 420 , 468 और 471 के इलावा कुरप्शन की रोक थाम क़ानून के तहत मुख़्तलिफ़ दफ़आत का इंदिराज किया ही। वकील दिफ़ा ने सी बी आई की दरख़ास्त की मुख़ालिफ़त करते हुए कहा कि तहक़ीक़ाती एजैंसी मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ ताज़ा इल्ज़ामात के ज़रीया सिर्फ इस मुआमले को तवालत देने की कोशिश कररही है। स्पैशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ललित ने कहा कि वज़ारत क़ानून की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अदालत से ताज़ा मुक़द्दमात दर्ज करने की ख़ाहिश की। इस रिपोर्ट में कहा गया कि किसी फ़र्म के दीगर फ़र्म में 10 फ़ीसद से ज़ाइद हिससे हों तो उसे एसोसी ऐट का मौक़िफ़ हासिल होगा।