2G इस्क़ाम और चिदम़्बरम का रोल

वज़ीर फ़ैनानस परनब मुकर्जी 2G अस्क़ाम के कुछ ऐसे तार छिड़ देते हैं जिस से यू पी ए हुकूमत किसी भी वक़्त ज़द में आसकती है। लेकिन अफ़सोस इस बात का है कि अप्पोज़ीशन मज़बूत नहीं है। 2G अस्क़ाम में साबिक़ वज़ीर टेलीकॉम ए राजा के इलावा यू पी ए हुकूमत और पी ऐम ओ के ज़राए के भी हाथ होने की सरगोशियों के दरमयान वज़ीर फ़ीनानस ने जो मकतूब मुनकशिफ़ किया है इस में इस वक़्त के वज़ीर फ़ीनानस पी चिदम़्बरम के रोल का भी सवाल उठाया गया ही। 2G अस्क़ाम के ज़रीया मलिक के ख़ज़ाना का भारी नुक़्सान तो होचुका है अब इस नुक़्सान और दौलत के अंबार में अपना अपना हिस्सा बटोरने वालों के नामों का इन्किशाफ़ होरहा ही। वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम के बारे में सच्चाई किया है ये कांग्रेस के अंदरूनी गोशे ही बेहतर जानते हैं मगर बज़ाहिर कांग्रेस और वज़ीर-ए-आज़म ने चिदम़्बरम की भरपूर ताईद करके अप्पोज़ीशन को उलझन से दो-चार करदिया । यू पी ए और 2G अस्क़ाम के दरमयान पैदा होने वाली सूरत-ए-हाल को बिलाशुबा एक ग़ैर दानिशमंदाना बोहरान से ताबीर किया जा रहा ही। जब 2G अस्क़ाम मंज़रे आम पर आचुका है इस के ख़ाती जेल में हैं तो उन से पूछगिछ के ज़रीया ही 2G अस्क़ाम के तमाम मुस्तफ़ीद हाथों को आशकार करने में देर नहीं होनी चाआई। वज़ीर फ़ीनानस परनब मुकर्जी ने अपने मकतूब में ये दिखाने की कोशिश की है कि 2G अस्क़ाम में वज़ीर-ए-दाख़िला चिदम़्बरम के रोल को मुस्तर्द नहीं किया जा सकता। इस तरह के इन्किशाफ़ और कनफ़यूज़न का निहायत गहिरा और क़रीबी ताल्लुक़ इस संगीन अस्क़ाम से है जो आज यू पी ए हुकूमत को दरपेश ही। हुक्मराँ कांग्रेस ने चिदम़्बरम की भरपूर हिमायत करके भी कई शुबहात पैदा करदिए हैं और मालूम होता है कि चिदम़्बरम ही वाहिद मर्कज़ी वज़ीर नहीं हैं जिन के रोल पर सवाल उठाया जा रहा है बल्कि 2G अस्क़ाम का भूत आगे चल कर कई अहम नामों को बाहर लासकता है। पी ऐम ओ के इर्दगिर्द घूम रही शक की सूई का रुख 10 जनपथ की जानिब किस वक़्त होगा ये देखने के लिए मलिक के अवाम को ज़्यादा इंतिज़ार नहीं करना पड़ेगा क्योंकि कोई बदउनवानी होती है तो ख़ासकर करोड़ों रुपय की हेरफेर का मुआमला हो तो इस बदउनवानी में अपने हाथ सेकने वालों को एक दिन अवाम के सामने जवाबदेह होना पड़ेगा। रिश्वत सतानी के ख़िलाफ़ जारीया मुहिम के असरात दिखाई देने लगे तो चिदम़्बरम को भी जेल होसकती ही। जिन लोक पाल बल की हिमायत करने वालों का एहसास है कि 2G अस्क़ाम और टेलीकॉम लाईसैंसिंग पालिसी के ज़रीया मलिक का भारी ख़सारा किया गया है। वज़ीर-ए-दाख़िला की हैसियत से अब ख़िदमत अंजाम देने वाले पी चिदम़्बरम ने वज़ीर फ़ीनानस की हैसियत से अपने माज़ी के दौर में 2G अस्क़ाम में कोई मुबय्यना रोल अदा किया है तो इस का ख़मयाज़ा यू पी ए हुकूमत ख़ासकर कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा। लेकिन वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने चिदम़्बरम पर अपने कामिल ईक़ान का इज़हार करके इस मसला की संगीनी को कम किया ही, ख़तन नहीं किया गया। ये सिलसिला शफ़्फ़ाफ़ियत के साथ वज़ाहत तलब ही। वज़ीर-ए-आज़म ने चिदम़्बरम की हिमायत तो करदी है उन्हें इस सिलसिला में पैदा शूदा शुबहात को दूर करने के लिए ठोस वज़ाहत करनी होगी इस लिए वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम के बिशमोल मर्कज़ी काबीना की जानिब से वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के बैरूनी दौरे से हिंदूस्तान वापसी का इंतिज़ार किया जा रहा ही। वज़ीर-ए-आज़म ने 2G अस्क़ाम के मुआमला में इस से क़बल ए राजा को भी क्लीनचिट दी थी। बादअज़ां वो जेल की सलाखों के पीछे डाल दिए गई। अब वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम की बेगुनाही का शोर बरपा किया गया है। इस शोर की शिद्दत उस वक़्त कम होसकती है जब वज़ीर-ए-आज़म ख़ुद 2G अस्क़ाम की साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ तहक़ीक़ात का हुक्म दें। वर्ना इस अस्क़ाम के तार पी ऐम ओ से जोड़ने वालों का शक मज़ीद तक़वियत पाएगा। यू पी ए हुकूमत ने 2001 -की तैय्यार करदा टेलीकॉम लाईसैंसिंग पालिसी और इस के तयशुदा शरह पर 2007 -में ईज़हार-ए-तशवीश किया था। इस से वाज़िह होता है कि वज़ीर-ए-आज़म इस मसला से बख़ूबी वाक़िफ़ हैं। परनब मुकर्जी के जिस मकतूब ने नया बोहरान पैदा किया है तो अब वही इस बोहरान को दूर करने की तरकीब सोच रहे हैं। न्यूयार्क पहूंच कर वज़ीर-ए-आज़म से ख़ुसूसी मुलाक़ात इस बात का इशारा है कि चिदम़्बरम के ख़िलाफ़ उठने वाले सवाल आगे चल कर यू पी ए हुकूमत को जवाबदेही से क़ासिर करसकते हैं। सरकारी ख़ज़ाना को भारी नुक़्सान पहूँचा कर यू पी ए हुकूमत से अगर संगीन गलतीयां सरज़द हुई हैं तो इस का ख़मयाज़ा भुगतने के लिए इस को तैय्यार रहना होगा। वज़ीर-ए-आज़म और परनब मुकर्जी के दरमयान न्यूयार्क में ग़ैरमामूली मुलाक़ात से अंदाज़ा होता है कि वज़ीर-ए-दाख़िला चिदम़्बरम के ख़िलाफ़ वज़ारत फ़ैनानस के बाअज़ सच्चाइयों के इन्किशाफ़ से पैदा होने वाले बोहरान को टालने या दूर करने के लिए कुछ तदाबीर सोचे जा रहे हैं और 2G अस्क़ाम की आग से वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर को महफ़ूज़ रखने की तरकीब-ओ-तदबीर पर ग़ौर करने वाले क़ाइदीन ख़ासकर कांग्रेस हाईकमान को 2G मुआमला में मुलव्वस अफ़राद, मर्कज़ी वुज़रा और ख़ुद पार्टी के कई क़ाइदीन के रोल की तहक़ीक़ात करानी चाआई। जैसा कि वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम ने ही पेशकश की है कि वो इस तनाज़ा के बाद अस्तीफ़ा देने तैय्यार हैं तो सूरत-ए-हाल को संगीन बनाने से क़बल मसला की यकसूई करली जाई। जहां तक 2G अस्क़ाम में मुलव्वस अहम क़ाइदीन का सवाल है तो उन के ख़िलाफ़ क़वाइद-ओ-क़वानीन के मुताबिक़ कार्रवाई की जानी चाहिये। कोताही और ग़फ़लत का पहलू बड़ा तशवीशनाक होता है।