नई दिल्ली, ०८ जनवरी (पी टी आई) दिल्ली की एक अदालत ने जनता पार्टी के सदर सुब्रामणियम स्वामी की एक दरख़ास्त को क़बूल कर लिया है जिस में 2G स्क़ाम के ज़िमन में मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की दरख़ास्त की गई है।
डाक्टर स्वामी की इस दरख़ास्त पर 11 जनवरी को बेहस होगी। सी बी आई की ख़ुसूसी अदालत के जज ओ पी सयानी ने डाक्टर सुब्रामणियम स्वामी की तरफ़ से पेश करदा ख़ानगी शिकायत की ताईद में तमाम दस्तावेज़ात की मुस्तनद नक़ूल का जायज़ा लेने के बाद मुल्ज़िम को 21 जनवरी को बेहस केलिए तलब करने का फ़ैसला किया है।
डाक्टर स्वामी ने अदालत से कहाकि उन की तरफ़ से पेश करदा दस्तावेज़ात और सबूतों से इस बात का सबूत मिलता है कि साबिक़ वज़ीर टेलीकॉम ए राजा की तरफ़ से किए गए फ़ैसलों में इस वक़्त के वज़ीर फ़ीनानस की मर्कज़ी और साज़ बाज़ शामिल थे।
उन्हों ने मज़ीद कहाकि ए राजा की तरफ़ से स्पेक्ट्रम लाईसैंस की क़ीमतों के ताय्युन और स्वान और यवनीटक जैसी दो कंपनीयों के हिसस की ख़िदमात के आग़ाज़ से क़बल इजराई केलिए किए गए फ़ैसलों में इस वक़्त के वज़ीर फ़ीनानस पी चिदम़्बरम की ना सिर्फ मर्ज़ी बल्कि साज़ बाज़ भी शामिल थी। जज ने अदालत में जनता पार्टी के सदर का ब्यान कलमबंद किए जाने के बाद उन की दरख़ास्त पर बेहस की इजाज़त दी।
डाक्टर स्वामी ने अदालत में कई दस्तावेज़ात पेश किए जिन में 15 जनवरी 2008 को मिस्टर चिदम़्बरम की तरफ़ से वज़ीर-ए-आज़म को लिखा गया एक मकतूब भी शामिल है। दरख़ास्त गुज़ार ने मिस्टर चिदम़्बरम, मिस्टर राजा और वज़ीर-ए-आज़म के माबैन कोई बातचीत की रुवेदाद की मुस्तनद नक़ल भी पेश की। ये बातचीत उस वक़्त शुरू हुई जब मिस्टर राजा वज़ीर-ए-मवासलात-ओ-इन्फ़ार्मेशन टैक्नोलोजी थी।
डाक्टर स्वामी ने ये इस्तिदलाल पेश किया कि मिस्टर चिदम़्बरम क़ौमी सलामती में एतिमाद शिकनी के मुर्तक़िब हुए हैं क्योंकि उन्हों ने अलातसलात और टैली नार के बारे में ये इन्किशाफ़ नहीं किया कि वो ब्लैकलिस्ट में शामिल हैं। स्वान टेलीकॉम और यूनीटेक वायरलैस में इन दोनों कंपनीयों को अपने हिसस फ़रोख़त कर दिए थे।
उन्हों ने मज़ीद कहा कि मैं अदालत में इस बात का सबूत पेश कररहा हूँ कि मिस्टर चिदम़्बरम क़ौमी सलामती के सवाल पर ये इन्किशाफ़ ना करते हुए एतिमाद शिकनी की है कि इन दोनों कंपनीयों को वज़ारत-ए-दाख़िला ने ब्लैकलिस्ट में शामिल किया है।