2G स्काम् पर सुप्रीम कोर्ट के अहकाम हुकूमत के लिये सख्त मवाख्ज़ा

नई दिल्ली, ०३ फ़रवरी (पी टी आई) सी पी आई एम ने आज कहा कि 2G स्पेक्टरम लाईसेंस को मंसूख़ करने सुप्रीम कोर्ट के अहकाम से हुकूमत का ज़बरदस्त मुवाख़िज़ा होता है। पार्टी ने वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह से कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसला के पेशे नज़र अपनी ख़ामोशी तोड़ दें और अपनी नाकामियों का मुहासिबा करें क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसला ने यू पी ए दोम के तमाम मकरूह इद्दिआ जात आशकार हो गए हैं।

2G स्क़ाम से अवामी ख़ज़ाना का कोई नुक़्सान ना होने का दावा करने वाले वज़ीर टेलीकॉम कपिल सिब्बल से इस्तीफ़ा का मुतालिबा करते हुए सी पी आई एम के सीनीयर लीडर नलोतपल बासू ने कहा कि वज़ीर-ए-आज़म जो नरम गो होने के लिए मशहूर है, अब इस फ़ैसला के बाद नाकामियों को तस्लीम करना होगा।

2G स्क़ाम पर हुकूमत के तमाम दावे खोखले साबित हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट फ़ैसला से क़तई तौर पर हुकूमत अब शक के दायरा में आ गई है। अपोज़ीशन और सी पी आई एम के अब तक आइद कर्दा इल्ज़ाम को सुप्रीम कोर्ट ने बरक़रार रखा है। इस से क़बल सी ए जी ने भी 2G स्क़ाम मैं धांदलियों की रिपोर्ट दी थी। वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने भी मुसलसल ये कहा था कि 2G स्क़ाम में क़तई शफ़्फ़ाफ़ियत लाई गई है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इन तमाम दावओ को मुकम्मल मुस्तर्द करदिया है।

अपने ब्यान में पार्टी  ब्यूरो ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का हुक्म वज़ीर टेलीकॉम के इद्दिआ जात की भी नफ़ी करता है, जिन्हों ने 2G स्पेक्टरम के लाईसैंस मंसूख़ करने से इनकार किया था। उन्हों ने ये भी कहा था कि सरकारी ख़ज़ाना को कोई नुक़्सान नहीं हुआ है। अब कपिल सिब्बल को भी इस्तीफ़ा देना चाहीए। अदालत के फ़ैसले की रोशनी में वज़ीर-ए-आज़म का फ़र्ज़ हीका अपनी ख़ामोशी तोड़ें और मुल्क को जवाब दें।

सी पी आई एम हुकूमत से मुतालिबा करती है की वो अदालत के फ़ैसला को फ़ौरी रूबा अमल लाए। इस फ़ैसला को तारीख़ी क़रार देते हुए सी पी आई एम की पोलीट ब्यूरो रुकन बृंदा कर्त ने कहा कि अदालत ने हुकूमत का ज़बरदस्त मुवाख़िज़ा किया है। हुकूमत की जानिब से गै़रक़ानूनी और ग़ैर दस्तूरी इक़दामात किए गए हैं। इस के बावजूद हुकूमत ने ये हुज्जत बरक़रार रखी कि हिंदूस्तान में कॉरपोरेट और मल्टीनेशनल कंपनी की जानिब से सरमाया कारी में इज़ाफ़ा हो रहा है।

वो सरमाया कारी के नाम पर अपनी ग़लतीयों की मुदाफ़त करती रही। इस तवक़्क़ो का इज़हार करते हुए कि हुकूमत अदालत के अहकाम पर फ़ौरी अमल करेगी, बृंदा कर्त ( Brinda Karat) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हुकूमत की मआशी तरक़्क़ी का सवाल उठाया है। इस मआशी तरक़्क़ी के नाम पर इन कॉर्पोरेट्स ने मुल्क को लूटा है। उन्होंने ये भी मुतालिबा किया कि स्क़ाम की वजह से नुक़्सान से दो-चार होने वाली तमाम रक़म को हुकूमत से हासिल किया जाय। बासू ने कहा कि कपिल सिब्बल को वज़ीर टेलीकॉम की हैसियत से अस्तीफ़ा देना चाहीए क्योंकि उन्हों ने दावा किया था कि 2G स्क़ाम से सरकारी ख़ज़ाना का कोई नुक़्सान नहीं हुआ है।