अज़रबैजान की एक कलाकार ने तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद एक अनोखी क़ुरआन तैयार की है. यह क़ुरआन रेशमी कपड़े पर सोने के तार से लिखी गई है. इसे तैयार करने में तीन साल का वक़्त लगा है.
एक वेबसाइट MyModernMet.com के मुताबिक यह क़ुरआन अज़रबैजान की एक कलाकार तुनज़ले ने तैयार की है. वेबसाइट ने लिखा है, ‘जब तुनज़ले को पता चला कि क़ुरआन कभी सिल्क के पन्नों पर नहीं लिखी गई, तब उन्होंने इसपर काम करना शुरू किया. उन्होंने रेशम के कपड़े का साइज़ 11.4 x 13 रखा और 164 शीट पर पूरी कुरआन तैयार कर दी.’
वेबसाइट ने आगे लिखा है, इस क़ुरआन के एक-एक हर्फ़ सोने और चांदी की स्याही से लिखे गए हैं. तुर्किश प्रेसिडेंसी ऑफ़ रिलीजियस अफेयर्स की मदद से इसकी भाषाई शुद्धता पर काम किया गया है.
कैलीग्राफी हमेशा से इस्लामिक तहज़ीब की एक अनोखी पहचान रही है और तुनज़ले ने इसे बेहद ख़ूबसूरत अंदाज़ में रेशमी पन्नों पर उतार दिया है. दुनिया के किसी भी कोने में इस्लामिक आर्किटेक्चर पर कैलीग्राफी का हुनर साफ़ देखा जा सकता है.