मुंबई: अरब और अन्य अरब देशों को हमेशा ‘बहुविवाह के केंद्र’ के रूप में देखा जाता रहा है, क्योंकि इन देशों में बहुविवाह की प्रथा बेहद आम है और इस पर कोई बंदिश भी नहीं है। हॉलीवुड, बॉलीवुड या अन्य किसी मीडिया माध्यम में जब भी किसी अरब को दिखाया जाता है, तब उसे एक से अधिक पत्नियों के साथ दिखाया जाता है।
हालांकि, एक ताजा सर्वेक्षण ने इस मिथक को उजागर किया और निष्कर्ष निकाला है कि बहुविवाह, जिसके इस्लाम में अनुमति दिए जाने पर कोई शक नहीं है, वह इतना व्यापक नहीं है जितना बताया जाता है।
“सांख्यिकी के प्राधिकरण ने खुलासा किया की लगभग पांच लाख से अधिक सऊदी लोगों ने एक से अधिक पत्नी से शादी की है”, सऊदी गजट ने बुधवार को मक्का अखबार के हवाले से सूचना दी।
यूनाइटेड नेशन के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग की जनसँख्या डिवीज़न के मुताबिक सऊदी अरब की कुल आबादी 32,529,026 है और 1.233 के एक लिंग अनुपात (1000 स्त्री प्रति 1233 पुरुषों) के साथ देश पुरूषों की कुल आबादी 17,961,878 (55.2%) है और 14,567,150 (44.80%) महिलाएं हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े यह बताते हैं कि कुल सऊदी आबादी का लगभग 30% विदेशियों का है।
इस्लाम एक आदमी को एक से अधिक महिला से शादी करने की अनुमति देता है, लेकिन यह अनुमति सख्त शर्तों के साथ आती है। विद्वानों का कहना है इसी कारण, प्रचार के विपरीत, बहुविवाह मुसलमानों के बीच व्यापक नहीं है।
मक्का अखबार द्वारा प्रकाशित बहुविवाह पर सर्वेक्षण से पता चला है कि 15-19 वर्ष की आयु वर्ग के युवा पुरुष बहुविवाह में शामिल नहीं है। लेकिन, जैसे जैसे आयु वर्ग बढ़ता है बहुविवाही विवाह की दर भी बढ़ जाती है।
“प्राधिकरण द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि 15-19 आयु वर्ग के पुरुषों बहुविवाह में शामिल नहीं है”, रिपोर्ट में कहा गया।
“आंकडें यह भी बताते हैं कि 20-24 आयु वर्ग के पुरुषों में 869 की दो पत्नियां हैं, 25-29 आयु वर्ग में 4941 लोगों की दो पत्नियां हैं और 505 पुरुषों की दो से अधिक पत्नियों हैं। 30-34 आयु वर्ग के पुरुषों में 18246 की दो पत्नियां हैं और 539 की दो से अधिक पत्नियों है। 35-39 आयु वर्ग के 30,600 पुरुषों की दो पत्नियों है और 2,668 पुरुषों की पत्नियों दो से अधिक पत्नियाँ है,” रिपोर्ट में बतया गया।
“आंकड़ों से यह भी पता चला है कि दो पत्नियों के साथ ज्यादातर पुरुष 45-49 वर्ष आयु वर्ग के हैं”, रिपोर्ट में आगे जोड़ा गया।
हाल ही में एक ummid.com द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह पता चला है कि भारत में मुस्लिम बहुल शहरों में बहुविवाह बेहद असामान्य है। एक संकेतक के तौर पर, ummid.com ने मालेगांव का सर्वेक्षण किया और पाया कि उत्तरी महाराष्ट्र में सघन मुस्लिम आबादी वाले शहर में एक से अधिक पत्नी के साथ सिर्फ 151 पुरुषों है।
यह सर्वेक्षण एक ऐसे समय में आयोजित किया गया जब भारत में बहुविवाह पर बहस चल रही है। कुछ महिला कार्यकर्ताओं ने देश में तीन तलाक के साथ बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने की मांग के साथ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है।
नई दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार भी इस मांग समर्थन का कर रही है, महिलाओं और लैंगिक न्याय के अधिकार के साथ इस मुद्दे को जोड़ रही है । सरकार ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दायर किया है।
दूसरी ओर, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड [एआईएमपीएलबी] और अन्य मुस्लिम संगठनों के इस कदम का विरोध कर रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर पुरुष और महिलायें एक बड़ी संख्या में इस कदम का विरोध करने के लिए ऑफ़लाइन और ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान में भाग ले रहे हैं।