पटना 4 जुलाई : देहि काम महकमा को मर्कजी हुकूमत से खुसूसी मदद के तहत तीन हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं। रक़म लेने के लिए महकमा सड़कों का नक्शा बनाने में जुट गया है। यह काम आखरी मरहले में है। मर्क़जी से मिलनेवाली इस रक़म से रियासत के 27 अजला में 4600 किमी से ज्यादा देहि सड़क की तामीर होगा।
गूगल से ली जा रही मदद
12वीं पंच साला मंसूबा के तहत रियासत को खुसूसी मदद के तहत मर्क़जी हुकूमत तीन हजार करोड़ रुपये देने पर राज़ी हुआ है। रक़म जारी करने से पहले बननेवाली सड़कों का रोड प्लान मांगा गया है। सेंटर के हिदायत के मुताबिक महकमा गूगल की मदद से गांव की सड़कों का नक्शा बन रहा है। महकमा के तमाम एक्सजेकुटिव इंजीनियरों को इसकी जिम्मेवारी दी गयी है। हालांकि, कुछेक जिलों में अब भी सड़क का नक्शा नहीं बन सका है। बिहार देहि सड़क तरक्की के ओहदेदार आर लक्ष्मणन ने इंजीनियरों को यह काम तरजीही बुनियाद पर करने के लिए कहा है। चूंकि, रक़म नक्शा तैयार होने के बाद ही मिलेगी, इसलिए जितना वक़्त नक्शा बनाने में लगेगा रक़म उतनी ही देर से मिलेगी।
आइएपी में 11 जिले
मौजूदा में रियासत के 11 जिले को आइएपी में शामिल किया गया है। इन जिलों में वजीर ए आज़म देहि सड़क मंसूबा के तहत सड़कों की तामीर हो रही है, जिसमें शत-फिसद रक़म मर्क़जी हुकूमत देती है। बाकी 27 जिले में देहि सड़क बनाने के लिए रियासत हुकूमत ने कोर नेटवर्क तैयार किया है। 250 से ज्यादा आबादीवाले टोलों में पांच साल में करीब 38 हजार किमी सड़क की तामरी होगी । इसी दौरान 27 जिले में 389 ब्लाक में 4618.50 किमी सड़क की तामरी होगी। इसके लिए मर्क़ज तीन हजार करोड़ रुपये फराहम करायेगी।