गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर के रहने वाले 45 साल के लाल बाबू 31 साल से रोज़ा रख कर गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं। वह ईद के चाँद का भी इंतजार करते हैं। वहीं ईद के दिन उनके घर पर मुस्लिम परिवारों का सुबह से शाम तक तांता लगा रहता है।
गौरतलब है कि राजघाट क्षेत्र के जगन्नाथपुर के रहने वाले लाल बाबू का परिवार सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल है। रमजान के दौरान सभी रोज़ा रखने वाले लाल बाबू का कहना है कि उन्होंने पिता और बड़ी बहन को बचपन में रोज़ा रखते हुए देखा था। उस समय उनकी उम्र 11 साल थी, तभी से वह रोजा रख रहे हैं।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि रोज़ा के दौरान जहां उनकी पत्नी गीता नजली सहरी और इफ्तार के लिए खास इन्तेजाम करती हैं, तो वहीं बेटा करण, बेटी सदाक्षी और आराधना दस्तरखान पर उनका साथ देते हैं। लाल बाबू कहते हैं कि उनके पिता गंगा प्रसाद का 1986 में निधन हो गया। वहीं पिता के इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए वह 31 साल से रोज़ा रख रहे हैं।