गंगा का पानी की सतह खतरे के निशान से 79 सेमी ऊपर पहुंचते ही पूरे इलाक़े में क़यामत की हालत बन गयी है। सरकारी अदाद बताते हैं कि जिले की 4.51 लाख आबादी सैलाब की जद में है। पर गाँव वालों के मुताबिक पांच लाख की आबादी बाढ़ से तबाह हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के घाघरा डैम से सरयू नदी में छोड़े गये 3.98 लाख क्यूसेस पानी की वजह गंगा का पानी की सतह बढ़ रहा है।
इसकी वजह से भागलपुर की गंगा अब तक के सबसे ऊंची सतह पर पहुंचकर तबाही मचा रही है। मर्कज़ी पानी कमीशन की मानें तो बुध शाम के बाद से भागलपुर में गंगा का पानी की सतह शांत होने की उम्मीद है। मंगल शाम 34.49 मीटर गंगा का पानी की सतह रिकॉर्ड किया गया है। पानी वसायल महकमा के अफसरों का कहना है कि छोड़े गये पानी अभी पहुंचना शुरू नहीं हुआ, जब भागलपुर पहुंचेगा तो गंगा का पानी की सतह फिर 10 सेंटीमीटर तक बढ़ेगा। इधर, बाढ़ से जान-माल की बरबादी भी जारी है।
मंगल को पीरपैंती अठनियां रिहायसी परशुराम मंडल के बेटे मनीष कुमार घोड़ी से बाढ़ के पानी में गिर कर बह गये। एनडीआरएफ की टीम ने सबौर थाना इलाक़े में पीर को बाढ़ के पानी में डूबे दो लड़कों की लाश को पानी से खोज निकाला।
रियासत काबीना मंगल को बाढ़ और सुखाड़ के मद्देनजर बिहार गैर मत्वक़्क़ेय फ़ंड 350 करोड़ से अजाफ़ा कर 1800 करोड़ रुपये कर दिया। काबीना सेक्रेटरी ब्रजेश मेहरोत्र ने बताया रियासत का बजट 90 हजार करोड़ का है। तजवीज के मुताबिक, बजट का तीन फीसद रकम तक इस फ़ंड का आकार तय किया जा सकता है।
इस हिसाब से यह 2700 करोड़ तक हो सकता है, पर अभी 31 मार्च, 2014 तक के लिए सिर्फ 1800 करोड़ का बजट तय किया गया है। 20 जिले बाढ़ मुतासीर हैं। इन इलाकों में मदद काम और नकद तक़सीम के लिए फ़ंड से 40 करोड़ की इंखेला करने को मंजूरी दी गयी। इसके अलावा काबीना ने सुखाड़ मुतासीर इलाकों में खरीफ फसलों को बचाने के लिए तीन के बजाय चार आबपसी के लिए डीजल ग्रांट देने का फैसला लिया है। इसके लिए 242.18 करोड़ की अजाफ़ी रकम मंजूर की गयी।