40 साल पहले छीनी जमीन का मुआवजा पाने ले लिए अब तक सरकार के आगे नाक रगड़ रहे किसान

मध्य प्रदेश के बुंडाला में लगभग चालीस साल पहले एक बहुत बड़ा बांध बनाया गया था जिस पर करोड़ों की लागत से खर्चा आया था। उस वक़्त इस गांव के सैंकड़ो किसानों की जमीन को इस बाँध के निर्माण के लिए हथिया लिया गया था। इसी चक्कर में उमरिया के तीन किसान जिनकी सवा एकड़ जमीन उनसे ले ली गई थी, जिसका मुआवजा इन तीन किसानों को आजतक मुहैया नहीं करवाया गया। इन किसानों की मजबूरी का खूब फायदा उठा रही सरकार मुआवजा पाने के लिए तीनों किसान हजारों चक्कर मर चुके हैं लेकिन उन्हें हर बार खाली हाथ वापस लौटा दिया जाता है। मुआवजे के लिए लड़ रहे ये किसान अपनी जिंदगी के आखिरी पड़ाव पर भी मुआवजा पाने के लिए जंग लड़ रहे हैं.लेकिन अभी भी इन्हेंं मुआवजा नही मिला है। प्रशासन की नीतियां की खस्ता हालात का उदाहरण गाँव उमरिया के नरसिंग, गजमल तथा फजलसिंह निकम है जोकि लगभग 70 साल की उम्र पार कर चुके है लेकिन अभी तक मुआवजे के इंतज़ार में हैं और इसे आपने की उम्मीद लगाए बैठे ये तीनों किसान शारारिक रूप से धीरे-धीरे कमजोर होते जा रहे है, लेकिन उन्होने अभी मुआवजे की आस नहीं छोडी है ।