VIDEO: अलीगढ़ विवाद फिर गरमाया, करीब 40 हजार छात्र धरने के लिए जमा, इंटरनेट और इलेक्ट्रिक सेवा बंद!

अलीगढ़ में जिन्ना पर विवाद की गर्माहट अभी बरकरार है। अपनी मांगों पर अड़े एएमयू छात्रों का बॉबे सैयद गेट पर धरना शुक्रवार को भी जारी है। धरने का आज दसवां दिन है। शुक्रवार को जुमे की नमाज होनी है, जिसके चलते पुलिस प्रशासन सतर्क है। हालांकि, शहर के किसी भी इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात नहीं किया गया है, थाना स्तर पर ही सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है।

जिन्ना को लेकर एएमयू में चल रहे घटनाक्रम के मद्देनजर प्रशासनिक स्तर से कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। एएमयू सर्किल से अतिरिक्त बल भले ही हटा लिया गया हो, मगर वहां की हर गतिविधि पर पुलिस व खुफिया तंत्र की नजर है।

जुमे की नमाज को लेकर भी प्रशासन सतर्क है। पिछले शुक्रवार को ऊपरकोट पर नमाज के बाद एएमयू प्रकरण में ज्ञापन सौंपा गया था। इधर, बाबे सैयद पर एएमयू छात्रों ने एकजुट होकर नमाज अदा की थी। सुरक्षा के लिहाज से दोनों स्थानों पर कड़ा पहरा लगाया गया था।

इस बार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था तो नहीं है, मगर सतर्कता जरूर बरती जा रही है। छात्र दोषी हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं और उनके साथ आए पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसके चलते दो मई से धरना शुरू कर दिया गया था।
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इसे खत्म कराने के इंतजामिया ने अब तक प्रयास सफल नहीं हो सके हैं। आंदोलनरत एएमयू छात्रों ने गुरुवार को आरोपित पुलिसकर्मियों को ही संतरे और केले खिलाए। शरबत भी पिलाया।

उमड़ते प्रेम के बीच अफसरों ने भी छात्र नेताओं को फल खिलाए। फलाहार का आनंद लेने वालों में आरोपित सीओ संजीव दीक्षित व इंस्पेक्टर सिविल लाइंस जावेद खां भी हैं, जिनके निलंबन की मांग छात्रसंघ ने मुख्य रूप से उठाई है।

इंस्पेक्टर पर आरोप था कि हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं को वही बॉबे सैयद तक नारेबाजी कराते लाए थे। गौर करने की बात यह भी है कि पुलिस ने खुद छात्र संघ अध्यक्ष समेत इन्हीं 300 छात्रों के खिलाफ हत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज करा रखी है।

यूनिवर्सिटी जरूरी या आरएसएस की शाखा? एएमयू छात्रसंघ ने पीएम-सीएम और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को संविधान की कॉपी भेजते हुए सवाल किया है कि यूनिवर्सिटी में आरएसएस की शाखा जरूरी है या संस्थान का स्थायित्व?

दरअसल, आरएसएस से जुड़े आमिर रशीद ने एएमयू में संघ की शाखा खोलने की मांग की थी। इसके जवाब में एएमयू छात्रों ने यह सवाल किया है। संविधान की कॉपी इसलिए भेजी है, ताकि इसे ठीक से पढ़ लें। छात्रों ने जवाब लिखने के लिए एक खाली कॉपी और पेन भी भेजा है।