प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच साल में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिरकत की। 17 मई, 2019 को दिल्ली में वह बीजेपी की पीसी में शामिल हुए। पर, उन्होंने पत्रकारों के सवाल नहीं लिए। उन्होंने अपने ‘मन की बात’ ही कही। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आने का मकसद भी साफ किया। कहा कि 2014 में 17 मई को बड़ी घटना हुई थी, तब ईमानदारी और सच की शुरुआत हुई थी। कांग्रेस के झूठ को धक्का लगने से गहरा शॉक लगा था। आज 17 मई है। इसलिए, मैंने सोचा कि आपसे शेयर किया जाए। बता दें कि 2014 में 16 मई को ही चुनाव नतीजे आए थे, जिसमें भाजपा और एनडीए को भारी बहुमत मिला था। कांग्रेस 44 सीटों पर सिमट गई थी।
https://www.pscp.tv/w/1gqGvVAvgyqGB
‘आज तक’ की अंजना ओम कश्यप ने स्पष्ट कर पूछा कि वह प्रधानमंत्री से सवाल पूछना चाहती हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने कहा- हमारे लिए अध्यक्ष सब कुछ होते हैं। हालांकि, अंजना का सवाल ऐसा था जिसका जवाब प्रधानमंत्री की ओर से बनता भी नहीं था। उन्होंने पूछा कि जब प्रज्ञा सांसद बन कर आएंगी तो उनका स्वागत करेंगे या पार्टी से बाहर करेंगे? एक और पत्रकार ने राफेल से जुड़ा सवाल प्रधानमंत्री से पूछना चाहा, लेकिन अमित शाह ने कहा कि जरूरी नहीं हर सवाल का जवाब प्रधानमंत्री ही दें और इस सवाल का तो कोई बुनियाद ही नहीं है।
प्रेस वार्ता की शुरुआत अमित शाह ने की थी। उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया। इसके बाद माइक प्रधानमंत्री ने संभाला। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा, इशारों में मीडिया पर भी तंज कसा और भाजपा की जीत की उम्मीद जताते हुए ‘थैंक्स फॉर एवरीथिंंग’ कहते हुए अपनी बात खत्म की। इसके बाद सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हुआ। नाम पुकारे जाने पर पत्रकार सवाल करते और अमित शाह जवाब देते। इस बीच प्रधानमंत्री मौन होकर सुनते-देखते रहे।