5 लाख से अधिक रकम जमा वाले 18 लाख लोगों की हुई पहचान, 10 दिनों में देना होगा हिसाब

नई दिल्ली: नोट बंदी के बाद बैंक खातों में पांच लाख रुपये से अधिक की राशि जमा कराने वाले ऐसे 18 लाख लोगों की पहचान की गई है जिनका नकद लेनदेन उनके आयकर गणना से मेल नहीं खा रहे है. ऐसे लोगों को 10 दिन के अंदर इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणपत्र पेश करना होगा नहीं तो उनके खाते सील कर दिए जाएंगे. राजस्व सचिव हंसमुख अधिया और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष सुशील चंद ने आज यहां संवाददाताओं को यह जानकारी दी. श्री अधिया ने कहा कि नौ नवंबर से 30 दिसंबर के बीच बैंक खातों में जमा कराई गई नकदी को ई सरटीफ़ाइी किया जा रहा है और इसके लिए सीबीडीटी ने अपने स्तर पर एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है.

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प्रदेश 18 के अनुसार, आयकर विभाग ने इस सॉफ़्टवेयर में सफ़ेद धन अभियान शुरू किया है. इस के तहत नोट बंदी के दौरान जमा नकदी की पहचान की जा रही है. उस के तहत करदाताओं की आयकर रिटर्न और नकद लेनदेन का प्लान किया जा रहा है और इसी के आधार पर अधिक रकम जमा करने वालों की पहचान करके अलग किया जा रहा है. चंद्रा ने बताया कि दो करोड़ से अधिक खातों में असाधारण नकदी जमा हुई है. लेकिन पहले चरण में पांच लाख रुपये से अधिक राशि जमा कराने वालों को ही ई सरटीफ़ाइी किया जा रहा है. इसके बाद तीन से पांच लाख रुपये जमा कराने वालों की ई पुष्टि की जाएगी.
उन्होंने कहा कि इसके लिए ऑनलाइन रिटर्न भरने वाले पोर्टल पर ही प्रवेश करना होगा और वहाँ पर विस्तृत जानकारी देनी होगी जो सीधे आयकर अधिकारी के पास जाएगी. 10 दिन के अंदर जो लोग ई सरटीफ़ाइ नहीं कर पाएंगे तो रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार उनके खाते सील कर दिए जाएंगे. इस की सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 1800 42500025 शुरू किया गया है जिस पर फोन करके इस बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है. उन्होंने कहा कि पैन कार्ड वाले लोग पोर्टल के अनुपालन विभाग में नकद लेनदेन 2016 लिंक का उपयोग करके इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. करदाता आयकर कार्यालय बिना गए ऑनलाइन प्रमाणपत्र दाखिल कर सकते हैं.

श्री चंद्रा ने कहा कि संदिग्ध खातों की जांच के लिए डाटा का विश्लेषण किया जा रहा है. अगर मामलों को जांच के लिए चुन लिया जाता है तो अतिरिक्त जानकारी और इस पर जवाब देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक संदेश दिए जाएंगे जो ईमेल और एसएमएस हो सकता है. मिली सूचना के आधार पर करदाताओं के जवाब का विश्लेषण किया जाएगा और अगर नकदी के स्रोत को वैध पाया जाएगा तो उस व्यक्ति को आयकर कार्यालय आने के जरूरत नहीं होगी और परीक्षण बंद कर दी जाएगी. अगर प्रधानमंत्री ‘गरीब कल्याण’ योजना के तहत नकद जमा की घोषणा की जाती है तो भी जांच को बंद कर दिया जाएगा.