तेलंगाना हुकूमत ने राशन शॉप्स के ज़रीये तक़सीम होने वाली अश्या-ए-ज़रुरीया पाँच साल से कमउमर के बच्चों को ना देने का फ़ैसला किया है, जिस से ग़रीब अवाम में तशवीश पाई जाती है।
टी आर एस हुकूमत ने नए मालीयाती साल में फ़ूड सेक्युरिटी स्कीम का एलान करके ग़रीब अवाम में ख़ुशी की लहर दौड़ा दी थी और हुकूमत ने हर उम्र के फ़र्द को फी कस 6 किलो चावल फ़राहम करने और इंतेख़ाबी वादे के मुताबिक़ इस स्कीम को मुतआरिफ़ कराने का एलान किया था, मगर अब हुकूमत इस स्कीम से इस्तेफ़ादा के लिए शराइत नाफ़िज़ कर रही है।
हुकूमत का कहना हैके पाँच साल से कमउमर वाले बच्चों की तादाद बहुत ज़्यादा है, लिहाज़ा उन्हें फ़हरिस्त से अलाहिदा किया जा रहा है।
बच्चों की तादाद ज़्यादा बताकर डीलर्स ज़्यादा अनाज हासिल कर रहे हैं।
ग़रीब अवाम का कहना हैके अगर इस मुआमले में हुकूमत को किसी तरह का शक है तो वो महिकमा जाती तहक़ीक़ात करवाकर बेक़ाईदगियों पर क़ाबू पा सकती है, लेकिन वो पाँच साल से कमउमर के बच्चों का बहाना बनाकर चावल का कोटा बर्ख़ास्त करना चाहती है, जबकि अप्रैल का राशन हासिल करने ग्रेटर मुंसिंपल कारपोरेशन हैदराबाद के बिशमोल अज़ला के राशन शॉप्स पर पहुंचने वाले सारिफ़ीन को हुकूमत के इस फ़ैसले से बहुत बड़ा झटका लगा है। ज़राए के बमूजब महिकमा सिविल स्पलाईज़ ने सर्वे करते हुए एक रिपोर्ट पेश की है, जिस के बाद हुकूमत ने ये फ़ैसला किया।