योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में धार्मिक कार्यक्रमों की बाढ़ के साथ ही शिक्षा के स्तर में गिरावट देखने को मिली है। ताज़ा मामला वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का है। जहां शिक्षा की हालत बेहद खराब होने के बावजूद सरकारी खर्च पर पांच दिवसीय रामकथा का आयोजन किया गया है।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय रामकथा अमृतवर्षा का आयोजन किया जा रहा है। यह रामकथा 4 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक कैंपस में की जाएगी। रामकथा का वाचन आचार्य श्री शांतनु महाराज करेंगे। इस रामकथा का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।
रामकथा के आयोजन के बारे में मीडिया से बात करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति राजाराम यादव ने कहा कि उन्हें इसकी प्रेरणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों लखनऊ में आयोजित वीसी सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षा संस्थानों में रामकथा के आयोजन की प्रासंगिकता के बारे बताया था।
बताया जा रहा है कि पूर्वांचल यूनिवर्सिटी में रामकथा का आयोजन छात्रों को संस्कार देने के लिए किया जा रहा है। लेकिन सवाल उठता है कि यूनिवर्सिटी कैंपस में सरकारी पैसे पर रामकथा का आयोजन क्यों? जबकि शिक्षा के मामले में पूर्वांचल यूनिवर्सिटी का रिकॉर्ड निम्न स्तर का है। कैंपस में चल रहे कोर्स का स्तर लगातार घटता जा रहा। बावजूद इसके शिक्षा का स्तर सुधारने के यूनिवर्सिटी प्रशासन रामकथा का आयोजन करने में जुटा है।
बता दें कि मुख्यमंत्री ने पिछले महीने ही गोरखपुर में रामकथा ज्ञान यज्ञ का उद्घाटन किया था। बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। हालांकि इससे पहले कभी सुनने में नहीं आया कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय रामकथा का आयोजन हुआ हो।