50 साल बाद साप्ताहिक किताब बाजार बंद, दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी का संकट

इस्लामाबाद। रावलपिंडी पुलिस ने पिछले 50 साल से लगातार सदर इलाके में लगने वाले साप्ताहिक किताब बाजार को बंद करवा दिया है जिससे करीब 300 किताब विक्रेताओं के सामने रोज़ी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। यह बाजार हर रविवार को यहां लगता था। ये किताब विक्रेता हर रविवार को सदर इलाके के बैंक रोड पर पूरे दिन अपना कारोबार करते थे लेकिन इस रविवार को उस समय इनको धक्का लगा जब पुलिस ने यहां दुकान लगाने से इंकार कर दिया।

इस बुक बाजार में विभिन्न विषयों की किताबें, मैगजीन, टैक्सटबुक के साथ ही धार्मिक किताबें भी सस्ती दरों पर उपलब्ध थीं। इस किताबों में कानून, इंजीनयरिंग, साहित्य, धार्मिक, हाउसकीपिंग और अन्य किताबें शामिल हैं। शहर के बैंक बाजार और हैदर रोड पर भी रविवार को किताबों का छोटा बाजार लगता है लेकिन इस बाजार में काफी संख्या में किताब प्रेमी आते थे।

रावलपिंडी कंटोनमेंट बोर्ड (आरसीबी) इन दुकानदारों से प्रति दुकान 300 रुपए किराये के तौर पर वसूलता था। इस इलाके की सभी दुकानें रविवार होने के चलते बंद रहती हैं जिससे इन लोगों का अच्छा व्यापार होता था। यहां की यातायात पुलिस ने सड़क किनारे लगने वाली इन दुकानों को बंद करवा दिया है। इन दुकानों के कारण यहां यातायात की काफी समस्या हो रही थी जिससे इन दुकानों को बंद करवाने का फैसला लिया गया है।

रावलपिंडी कंटोनमेंट बोर्ड के प्रवक्ता क़ैसर महमूद ने बताया कि बोर्ड ने इस बाजार को बंद नहीं करवाया है बल्कि यातायात पुलिस ने बंद करवाया है। हमने उनको यहां 50 साल पहले दुकान लगाने की इज़ाज़त दी थी और उसके एवज़ में शुल्क लिया जाता था। किताब प्रेमियों के लिए यह दुःखद खबर है और वो अपना रोष जता रहे हैं।

सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी मोहम्मद अख्तर कहते है कि यहां बाजार बंद होने से वह सकते में है, इस बाजार में सभी प्रकार की किताबें कम कीमत में मिलती थी। बुकस्टोर में यही किताबें ऊँचे दाम में मिलती हैं और सभी विषयों की किताब एक छत के नीचे नहीं मिल पाती हैं। यहां सामान्य ज्ञान, सूचनात्मक, मनोरंजन एवं धार्मिक पुस्तकें काम दाम में उपलब्ध थीं।