50 से अधिक लोगों ने एक चाय वाले के हाथों अपनाया था इस्लाम

दिल्ली : बरसों पहले एक युवा चितली कब्र दिल्ली 6 की गलियों में चाय  बेचता था और हर दिन यह आवाज लगाया करता था : “चाय वाला ब्रैड”“चाय वाला ब्रैड”। इसी इलाक़े  में एक आलिम  रहा करते थे। उन्होंने उस  युवक को बुलाया, एक रोटी और चाय देने के लिए कहा।

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यह सिलसिला एक सप्ताह तक जारी रहा ,एक दिन उन्होंने युवा से पूछा बेटा तुम्हें पढ़ना आता है? उसने जवाब दिया: नहीं , क्या तुम कुरान पढ़ सकते हो ? कहा नहीं। बुजुर्ग ने कहा, अच्छा बेटा, अगर मैं तुम्हें पढ़ना सिखा दूँ तो क्या तुम पढोगे? युवक ने कहा, मेरे पास समय नहीं हे,चाय और ब्रैड बेचना मेरा काम है।

बुजुर्ग ने कहा, ऐसा करो, रोजानाें तुम आते तो हो ही ,10 मिनट समय लूँगा, तुम को 6 महीने में पढ़ना सीख जाओगे। युवा तैयार हो गया। यह युवा 3 साल तक उनकी सोहबत में अच्छी ताज्वीद के साथ क़ुरान और उर्दू भी सीख लिया.

यह युवा  बुजुर्ग मौलाना अबुललैस नदवी इस्लाही पूर्व अमीर जमाते इस्लामी और शिष्य श्री आलाउालदीन साहब थे। बाद में आलावालदीन साहब सदस्य बने और उनके हाथ में 50 से अधिक लोगों को इस्लाम स्वीकार का सौभाग्य प्राप्त हुआ। (सदा ए भारत )