50 60 70 का दौर् सुनहरी दौर था : कुमकुम

माज़ी (गुज़रे हुए जमाने )की अदाकारा ( नायिका) कुमकुम से जब अख़बारी नुमाइंदों ( पत्रकारों) ने मुलाक़ात की तो वो हैरान रह गईं कि गुज़रे हुए वक़्त के फ़नकारों को भी लोग कभी कभी याद कर लेते हैं । उन्हों ने बताया कि 50 60 और 70 के दहिय को बाली वुड का सुनहरा दौर कहा जा सकता है ।

उन्होंने किशोर कुमार से लेकर दिलीप कुमार तक तक़रीबन ( लगभग) तमाम ( सभी) हीरो ( नायको/अदाकारो) के साथ काम किया । ख़ुसूसी तौर पर उन्होंने फ़िल्म कोहीनूर का ज़िक्र किया जहां उन के मुक़ाबिल दिलीप कुमार थे । उन्हों ने धर्मेन्द्र की भी बेहद तारीफ़ की जिन के कैरीयर की पहली फ़िल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे में कुमकुम ही हीरोइन थीं ।

बादअज़ां ( इसके बाद) फ़िल्म आँखें में उन्होंने धर्मेन्द्र की बहन और इस के बाद एक बार फिर फ़िल्म ललकार में उन्हों ने धर्मेन्द्र की महबूबा का रोल अदा किया था । उन्हों ने कहा कि वो फ़िल्मी पार्टीयों से दूर रहती हैं कभी कभी पुरानी सहेलियों से मुलाक़ात हो जाती है जैसे साधना और माला सिन्हा वग़ैरा ।

आई पी एल मैच्स के बारे में जब उन से इस्तिफ़सार(सवाल) किया गया तो उन्हों ने कहा कि उन्हें क्रिकेट की इस तर्ज़ से कोई दिलचस्पी नहीं है ।