हैदराबाद 09 नवंबर: शहर में 1000 और 500 के नोटों के चलन के बंद होने की सूचना के आम होते ही नोटों की कम कीमत में बेचने की प्रक्रिया शुरू हो गया और मुफ़ाद परस्तों ने इस फैसले से जयपुर लाभ उठाकर 1000 के नोट 800 और 500 के नोट 400 में खरीदना शुरू कर दी जिसके कारण मासूम गरीब जनता ने अपनी रक़ूमात की फ़रोख़त शुरू कर दी इन नोटों के बारे में सरकार के अचानक घोषणा का नुकसान उन गरीब परिवारों को हुआ जिन्होंने बैंकों में खाते ना होने के कारण घरों में ही 1000 या 500 के नोट रखे थे।
प्रधानमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद उत्पन्न स्थिति के कारण शहर के कई स्लम क्षेत्रों में गरीब जनता को उत्पीड़न का सिलसिला शुरू हो गया और लोग ला-शुऊरी अवस्था में इधर उधर दौड़ने लगे ताकि अपने 1000 और 500 रुपये के नोटों को बदलने करवाया कीजा सके।
पुराने शहर के कई स्लम क्षेत्रों और पसमांदा व अशिक्षित आबादी में कुछ चंद मुफ़ाद परस्तों ने नोटों परिवर्तन के इस कारोबार को खूब हवा दी। शहर के कई इलाकों में देर रात तक लोगों में बेचैनी देखी गई .जन लोगों के पास 100 या 50 के नोट कर रहे हैं उन लोगों ने हालात के हिसाब से बड़ी नोट खरीदना शुरू कर दी।
फिलहाल अलावा जिलों से सूचना प्राप्त होने लगीं कि वहा भी नोटों की खरीद की प्रक्रिया शुरू होने लगी और इन्कम टैक्स और बैंकों में खाता रखने वालों ने जिनके पास 100 के नोट मौजूद हैं इस कारोबार को खूब हवा दी। पुराने शहर के क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर पुलिस को शिकायत प्राप्त हुई कि करंसी नोट कि कानूनी टेंडर की हैसियत रखती है को स्वीकार करने से मना करना शुरू कर दिया है।