इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज किए जाने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिनको अपनी परंपरा की जानकारी नहीं जिन्हें सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी नहीं वे लोग इस फैसले पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों से बहुत उम्मीद भी नहीं की जा सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 500 साल पहले मुगलकाल में प्रयागराज का नाम बदलकर इलाहाबाद किया गया था। प्रयाग वह पवित्र स्थल है जहां ब्रह्मा जी ने प्रथम यज्ञ किया था और देश की 7 प्रमुख नदियों में तीन नदी नदियों का पवित्र संगम यहां होता है।
इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ अपने पांच दिवसीय दौरे पर मंगलवार को गोरखपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले कुसमी जंगल में स्थित बुढ़िया माई मंदिर पर जाकर मां बुढ़िया माई का दर्शन किए।
बता दें उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज किए जाने पर राज्य सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया।
कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि प्रयागराज नाम रखे जाने का प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में आया, जिसे मंजूरी दे दी गयी रिगवेद, रामायण एवं महाभारत में प्रयागराज का उल्लेख मिलता है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ वह ही नहीं बल्कि समूचे इलाहाबाद की जनता, साधु और संत चाहते थे कि इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से जाना जाए।
दो दिन पहले जब मुख्यमंत्री ने कुंभ से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता की थी, तो उन्होंने खुद ही प्रस्ताव किया था कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया जाना चाहिए। सभी साधु संतों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर मुहर लगायी थी।