PICS: केरल के इस शख्स के पास है 500 साल पुरानी ‘सोने’ की कुरआन

पवित्र कुर’आन हर मुस्लिम के लिए खुदा का सबसे बड़ा उपहार है। कुर’आन चूँकि रमजान के महीने ही उतरी इसलिए इस महीने में इसको बहुत उत्साह से पढ़ा जाता है।

अमुमन कुर’आन चमड़े या कागज के बने होते हैं लेकिन अबू धाबी में रहने वाले एक केरल-मूल के बैंकर के पास 500 साल पुरानी कुर’आन है, जो कि पूरी तरह से सोने बनी हुई है। इसे वो केवल रमजान के दौरान ही पढ़ते हैं।

खलीज टाइम्स के एक खबर के मुताबिक, मोहम्मद हारीस के पास जो गोल्ड टूलींग कुर’आन है वह तुर्क शासन काल का है। हरिस ने खालीज टाइम्स के साथ कुर’आन के बार में बताया, “गोल्ड टूलींग काफी दुर्लभ है क्योंकि यह 28 सेट कलेक्शन में है और प्रत्येक में 1 9 से 20 प्लेट्स है। इतना ही नहीं, इस 28 सेटों को 14 सोना मढ़वाया बक्से में रखा गया है। उन 14 बक्सा में से एक मेरे पास है और बाकी मलेशिया में मेरे बहनोई के पास हैं।”

बता दें कि हारीश का जन्म केरल के कोझीकोड जिले के नादपुरम में हुआ। उन्होंने एक मलेशियन मलयाली लड़की आएशा काशीम से शादी किया जिससे उनके तीन बच्चें हैं। हारीश करते हैं कि मलेशिया में जो 13 बक्से उनके बहनोई से पास संरक्षित हैं, उसके सुरक्षित रखना काफी मुश्किल काम है।

उन्होंने कहा, “इसे मलेशिया से यहां लाने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने के लिए मुझे एक साल से अधिक का समय लगा। मेरे पास इसे रखने का सिर्फ पांच साल का अधिकार है। यह मेरे परिवार के लिए सौभाग्य की बात है कि ये हमारे पास है। यह मेरे लिए, मेरे काम की जगह और मेरे परिवार के गुडलक है। उन्होंने कहा, “हम जल्द ही इसे एक आभूषण की दुकान पर प्रदर्शनी ले लिए रखेंगे।”

लगभग 30 साल से अबू धाबी के बैंकिंग उद्योग चलाने वाले हारीश यह भी बताया कि मलेशिया के चौथे प्रधानमंत्री डा. महतीर मोहम्मद ने इस अनमोल आर्टफैक्ट की सराहना की थी। और इसे उन्होंने किसी भी इस्लामी विरासत के लिए अमूल्य कलेक्शन माना था।

खलीज टाइम्स ने रिपोर्ट में इस कुर’आन के कीमत का अनुमान दुर्लभ पांडुलिपियों के हिसाब से 59 डॉलर एमिल (आरएम 2.5 अरब डॉलर) के बराबर माना गया है। उन्होंने यह याद दिलाया कि कुरान को बेचा नहीं जाना चाहिए। लेकिन मेरा उद्देश्य इस्लामी अध्ययन और सांस्कृतिक विरासत के लिए एक केंद्र खोलना है।