हुकूमत उत्तरप्रदेश ने आज कहा कि फ़सादज़दा जिला मुज़फ़्फ़र नगर और शाम्बली में वाके रीलीफ़ कैम्पों से तक़रीबन 50,000 हज़ार मुतास्सिरा अफ़राद की उनके घरों को वापसी को यक़ीनी बनाने केलिए इक़दामात किए जा रहे हैं।
हुकूमत उत्तरप्रदेश के सेक्रेटरी (दाख़िला) कमल सक्सेना ने अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि मुज़फ़्फ़रनगर फ़िर्कावाराना फ़सादाद के दौरान तक़रीबन 50,000 अफ़राद बेघर होगए थे जो 58 रीलीफ़ कैम्पों में पनाह गज़ीन है कठिन से ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं। उन्होंने मज़ीद कहा कहा कि मुज़फ़्फ़र नगर के कैम्पों में 26,000 और शाम्बली के कैम्पों में 15,000 अफ़राद मुक़ीम हैं।
सक्सेना ने कहा कि ख़ौफ़-ओ-हिरासानी की हालत में घर छोड़कर रीलीफ़ कैम्पों में पनाह लेने वाले मुतास्सिरीन को घर वापिस होने की तरतीब देने केलिए सारंगपर के कमिशनर को नूडल ऑफीसर मुक़र्रर किया गया है। उन्हें इमदाद-ओ-बाज़ आबादकारी की ज़िम्मेदारी तौसीक की गई है। ताहम कई रीलीफ़ कैम्पों में मौजूद पनाह गज़ीनोंने जिन में मुस्लमानों की अक्सरियत है हनूज़ ख़ौफ़-ओ-हिरास की हालत में है जो अपने घर वापिस होने से इनकार कररहे हैं।