विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को संयुक्त अरब अमीरात में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की बैठक को संबोधित करते हुए आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद दुनिया के लिए बड़ा खतरा है। आतंकवाद लोगों का जीवन बर्बाद कर रहा है और क्षेत्रों को अस्थिर कर रहा है। यह दुनिया को जोखिम में डाल रहा है।
इस दो दिवसीय बैठक के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुई स्वराज ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा हो भी नहीं सकता।’’ स्वराज ने अपने संबोधन में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया।
57 सदस्यीय इस्लामिक समूह की बैठक में स्वराज ने कहा, ‘‘जैसे की इस्लाम का मतलब अमन है और अल्लाह के 99 नामों में से किसी का मतलब हिंसा नहीं है। इसी तरह दुनिया के सभी धर्म शांति, करुणा और भाईचारे का संदेश देते हैं।’’ अल्लाह का मतलब शांति है। आतंक को संरक्षण और पनाह देने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। आतंकी संगठनों को की जा रही फंडिंग रुकनी चाहिए। इस्लाम शांति सिखाता है।
सम्मानित महसूस कर रही हूं
भारत में हर धर्म के लोग
उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा बहुलवाद को अंगीकार किया है। ये सबसे पुराने संस्कृत धार्मिक ग्रन्थ “ऋग्वेद” में भी समाहित है। उन्होंने कहा, “एकम सत विप्रा बहुधा वदंति” जिसका मतलब है “भगवान एक है लेकिन व्यक्ति ने इसका कई तरीकों से वर्णन किया है।”
खाड़ी देशों से अच्छे संबंध
विदेश मंत्री ने यहां ओआईसी के सचिव युसूफ बिन अहमद और चेयरमैन शेख अब्दुल्ला बिन जायद से मुलाकात भी की।
पाकिस्तान को झटका
पाकिस्तान ने मंगलवार को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद कैंप पर भारतीय हवाई हमले के मद्देनजर ओआईसी की बैठक में भारत की भागीदारी पर अपनी चिंताओं से अवगत कराया।